किसानों के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का होगा गठन - कृषि मंत्री

प्राधिकरण का मकसद कृषि को बढ़ावा देना और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है - जयप्रकाश दलाल
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JP DALAL
जयप्रकाश दलाल ने किसानों से फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन का गठन करने का आह्वान करते हुए कहा कि सामूहिक खेती(Collective Farming) करके अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सामूहिक खेती पर 90 फीसद तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.

रोहतक - हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल सोमवार, 1 अगस्त को  पीजीआईएमएस(Pandit Bhagwat Dayal Sharma Post Graduate Institute of Medical Sciences) रोहतक(Rohtak) के ऑडिटोरियम में आयोजित जय किसान कार्यक्रम में फसल
प्राधिकरण(Crops Diversification) को अपनाकर उदाहरण प्रस्तुत करने वाले किसानों को सम्मानित करने के दौरान अपने सम्बोधन में कहा कि किसानों के कल्याण एवं उनकी आमदनी को बढ़ाने के उद्देश्य से हरियाणा सरकार ने किसान कल्याण प्राधिकरण(Farmers Welfare Authority)का गठन किया है.

उन्होंने कहा कि किसान कल्याण प्राधिकरण में राज्य के मंत्री, आईएएस अधिकारी व यूनिवर्सिटीज के विश्विद्यालय के कुलपतियों (Vice Chancellor) को शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि प्राधिकरण में अलग-अलग फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 5 से 6 किसानों का एक ग्रुप बनाया जाएगा. इस प्रकार से लगभग 6-6 किसानों के अलग-अलग ग्रुप बनाए जाएंगे. यह किसानों के ग्रुप एग्रीकल्चर फील्ड में सुधार व आय बढ़ाने संबंधी सुझाव सरकार को देंगे और सरकार उनके सुझाव को क्रियान्वित करने का काम करेंगी.

कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल(Agriculture Minister JP Dalal) ने कहा कि प्राधिकरण का मकसद कृषि को बढ़ावा देना और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है. उन्होंने कहा कि भविष्य में किसानों द्वारा सांझा किए गए सभी प्रमुख सुझावों को राज्य की योजनाओं में शामिल किया. जयप्रकाश दलाल ने किसानों से फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (Farmers Producer Organization) का गठन करने का आह्वान करते हुए कहा कि सामूहिक खेती(Collective Farming) करके अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि सामूहिक खेती पर 90 फीसद तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.

उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को तकनीकी(Technology), मार्केटिंग(Marketing), लोन(Loan), प्रोसेसिंग(Processing), सिंचाई(Irrigation) आदि जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है. इस स्किम के माध्यम से किसान लोन भी ले सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कृषि उत्पाद बेचना भी एक कला है और किसान अपने उत्पाद बेचना सीख लेगा तो आमदनी स्वयं बढ़ जाएगी.

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