किसानों को तोहफा! 14 खरीफ फसलों के एमएसपी में बढ़ोतरी, जानिए कितना हुआ दाम

मोदी सरकार ने धान की एमएसपी को 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। पहले धान का रेट 1940 रुपए था।
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केंद्र सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए धान समेत 14 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी की है। यह फैसला पीएम मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने लिया है।

नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने किसानों को खुशखबरी देते हुए बड़ा ऐलान कर दिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ की 14 फसलों के साथ 17 फसलों के लिए एमएसपी का अनुमोदन किया है। कैबिनेट ने धान के एमएसपी को 100 रुपये बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया है। बता दें पहले धान का रेट 1940 रुपए था। धान के साथ ही मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूंगफली और कपास सहित 14 फसलों के एमएसपी में एक साथ वृद्धि की जाएगी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि 2013-14 में कृषि बजट 21 हजार करोड़ रुपए का हुआ करता था, आज वह 1 लाख 26 हजार करोड़ रुपए हो चुका है।

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कैबिनेट की प्रेस कांफ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार के आने के बाद फसलों के एमएसपी में डेढ़ गुना से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। आज की कैबिनेट बैठक में 14 खरीफ फसलों के साथ 17 फसलों की एमएसपी तय की गई है। तिल पर प्रति क्विंटल 523 रुपए, मूंग पर 480 रुपए, सूरजमुखी बीज 385 रुपए, रामतिल पर 357 रुपए, कपास मध्यम रेसा 354 रुपए, सोयाबीन पीला 350 रुपए, तुअर 300 रुपए, उड़द 300 रुपए, मूंगफली पर 300 रुपए, ज्वार हाइब्रिड 232 रुपए, ज्वार मालदंडी पर 232 रुपए, रागी 201 रुपए, धान सामान्य 100 रुपए, धान ग्रेड ए 100 रुपए, बाजरा 100 रुपए और मक्का पर 52 रुपए की बढ़ोतरी की गई है।

एमएसपी में प्रति क्विंटल 92 रुपये से लेकर 523 रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। सरकार के दावे के मुताबिक जो एमएसपी तय की गई है, उससे किसानों को लागत पर लागत पर 50 से 85 फीसदी तक मुनाफा हासिल होगा। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा पिछले साल जो तय किया गया कि लागत प्लस 50 प्रतिशत, उसे हमने लगातार आगे बढ़ाया है। किसान सम्मान निधि के तहत 2 लाख करोड़ खाते में जा चुका है। फर्टिलाइजर पर 2 लाख 10 हज़ार करोड़ की सब्सिडी दी गई है। बता दें कि सरकार ने लागत के आकलन में लेबर चार्ज, बैल या मशीन चार्ज, पट्टे के किराए, बीज, उर्वरक, खाद, सिंचाई चार्ज, मशीनरी व फार्म बिल्डिंग के डेप्रिशिएशन, वर्किंग कैपिटल पर ब्याज, तेल या बिजली पर खर्च, अन्य खर्च और फैमिली लेबर को शामिल किया है।

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