IFFCO नैनो यूरिया दुनिया मे पहला तकनीकी आधारित उर्वरक: कृषि विभाग

फसलों में नैनो यूरिया का छिडक़ाव सुबह या सायं के समय तथा छिडक़ाव करते समय मास्क एवं दस्तानों का प्रयोग किया जाना चाहिए
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इफको ने अपनी आधिकारिक साइट पर बताया है कि नैनो यूरिया की 1 बोतल का प्रयोग कम से कम 1 बैग यूरिया की जगह ले सकता है। इफको नैनो यूरिया में 4% कुल नाइट्रोजन (w / v) समान रूप से पानी में मिला हुआ है।

चंडीगढ़: इफ्को नैनो यूरिया (तरल)(NANO UREA LIQUID) को लेकर कृषि एवं कल्याण विभाग ने मीडिया में जारी बयान में कहा है कि नैनो तकनीक पर आधारित एक अनूठा उर्वरक है और यह भारत सरकार द्वारा अनुमोदित विश्व में पहली बारे इफको द्वारा विकसित किया गया है।

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की तरफ से एसडीओ पवन ढिग़ड़ा ने बताया कि यह दानेदार यूरिया से अधिक लाभदायक है। इससे वायु एवं जल प्रदूषण नहीं होता। जमीन की उर्वरा शक्ति पर भी कोई नुकसान नहीं होता है। 

उन्होंने बताया कि इस यूरिया का छिडक़ाव अनाज, तेल, सब्जी, कपास इत्यादि फसलों में दो बार तथा दलहनी फसलों में एक बार किया जा सकता है। पहला छिडक़ाव अंकुरण/रोपाई के 30-35 दिन बाद तथा दूसरी छिडक़ाव फूल/बाली आने के एक सप्ताह पूर्व किया जा सकता है। एक एकड़ में एक बार के छिडक़ाव के लिए लगभग 125 लीटर पानी की आवश्यक्ता पड़ती है। उन्होंने बताया कि फसलों में नैनो यूरिया का छिडक़ाव सुबह या सायं के समय तथा छिडक़ाव करते समय मास्क एवं दस्तानों का प्रयोग किया जाना चाहिए।

क्या है इफ्को नैनो यूरिया

इफको नैनो यूरिया भारत सरकार द्वारा अनुमोदित एकमात्र नैनो उर्वरक है और फ़र्टिलाइज़र कण्ट्रोल आर्डर (एफसीओ) में शामिल किया गया है। इसका डेवेलपमेंट एवं पेटेंट इफको द्वारा कराया गया है। इफको ने अपनी आधिकारिक साइट पर बताया है कि नैनो यूरिया की 1 बोतल का प्रयोग कम से कम 1 बैग यूरिया की जगह ले सकता है। इफको नैनो यूरिया में 4% कुल नाइट्रोजन (w / v) समान रूप से पानी में मिला हुआ है।
नैनो नाइट्रोजन कणों का आकार 20-50 नैनो मीटर है।

जानकारी के मुताबिक आईसीएआर-केवीके, अनुसंधान संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और भारत के प्रगतिशील किसानों के सहयोग से 11,000 स्थानों पर 90 से अधिक फसलों पर इसका परीक्षण किया गया है।
जब पत्तियों पर इसका छिड़काव किया जाता है, तो नैनो यूरिया आसानी से रंध्रों (स्टोमेटा) और अन्य छिद्रों के माध्यम से पौधे में प्रवेश कर जाता है और पौधों की कोशिकाओं द्वारा अवशोषित कर लिया जाता है। यह पौधे में फ्लोएम के माध्यम से आवश्यकता के अनुसार वितरित होता है। अप्रयुक्त नाइट्रोजन पौधे के रिक्तिका में स्टोर रहता है और पौधे के उचित विकास और वृद्धि के लिए धीरे-धीरे छोड़ा जाता है।

नैनो यूरिया के छोटे आकार से (20-50 नैनो मीटर) फसल को इसकी उपलब्धता 80% से अधिक तक बढ़ जाती है।

यह प्रभावी रूप से फसल की नाइट्रोजन आवश्यकता को पूरा करता है, पत्ती प्रकाश संश्लेषण, जड़ के विकास, प्रभावी कल्ले और शाखाओं को बढ़ाता है।
यह पौधों के अंदर नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ता है।
यह फसल की उपज की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाता है।
फसल उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी करके किसानों की आय में वृद्धि करता है।
उच्च दक्षता के कारण, यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को 50% या उससे अधिक तक कम कर सकता है।

किसान नैनो यूरिया की एक बोतल (500 मिली) आसानी से स्टोर या संभाल सकते हैं।
यह मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता के संरक्षण में मदद करता है।

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