इस्लामिक देश कुवैत को भारत ने जहाज में गोबर भरकर भेजा, वजह जानकर आप भी हैरान होंगे

भारत में करीब 30 करोड़ मवेशी हैं, हर रोज तकरीबन 30 लाख टन गोबर का उत्पादन होता है
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dung export
इस एक्सपोर्ट ऑर्डर(Export Order) की पहली कन्साइनमेंट में कुवैत को 192 मीट्रिक टन गोबर भेजा गया है। इसकी पैकिंग टोंक रोड, जयपुर के श्री पिंजरापोल गोशाला के सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में हुई है और इसे कस्टम डिपार्टमेंट(Custom Department) की निगरानी में पैक किया गया है।

चंडीगढ़: नूपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद को लेकर विवादित टिप्पणी से सभी इस्लामिक देश नाराज़ हैं। इस्लामिक देश ईरान, कुवैत, कतर, सऊदी अरब, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात, जॉर्डन, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बहरीन, मालदीव, इंडोनेशिया, समेत करीब 16 देशों ने इसको लेकर भारत सरकार से इस मामले में कार्रवाई की मांग की। बढ़ते विवाह से लग रहा था कि इस्लामिक देशों(Islamic Countries) के साथ भारत के रिश्तों में खटास आएगी और आयात-निर्यात(Import-export) पर भी इसका असर देखने को मिलेगा। लेकिन इसी बीच खाड़ी के देश(Gulf Country) कुवैत ने भारत सरकार से गाय के गोबर(kuwait gives order of Cow Dung) की मांग की है। 

बता दें कि कुवैत में गोबर का इस्तेमाल खजूर(Date Palm) की खेती में किया जाता है। कुवैत के वैज्ञानिकों का दावा भी है कि इससे खजूर की उपज बढ़ गई है। इसके बाद कुवैत ने भारत से गाय का गोबर मंगाने का फैसला किया। बताया जा रहा है कि ये भारत को गोबर के निर्यात का अब तक का सबसे बड़ा विदेशी ऑर्डर है। जिसकी खेप(Consignment) राजस्थान(Rajasthan) और उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) से भेजी जा रही है यानी इन दो राज्यों से गोबर निर्यात(Cow Dung Export) किया जाएगा।

पूर्व केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री और सांसद राधा मोहन सिंह ने मंगलवार को कानपुर के चंद्रशेखर आजाद एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी(AAU) में कृषि विज्ञान केंद्र में एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे थे। राधा मोहन सिंह ने कार्यक्रम में बताया कि कुवैत के कृषि वैज्ञानिकों ने खजूर की खेती में गाय के गोबर को काफी फायदेमंद पाया है। इसके चलते कुवैत ने भारत को गाय का गोबर का ऑर्डर दिया है। उन्होंने बताया कि कुवैत ग्लोबल फूड क्राइसिस(Global Food Cricis) के दौरान भारत से गेहूं की भी मांग कर चुका है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह ने बताया कि भारत गोबर का सबसे बड़ा उत्पादक देश है। कुवैत से ऑर्डर मिलने के बाद गाय के गोबर के निर्यात की ऑपर्चुनिटी बढ़ गई हैं। अब सरकार भी गोबर के एक्सपोर्ट पर फोकस करने की रणनीति बना रही है। फिलहाल जो ऑर्डर मिला है उसके लिए राजस्थान और उत्तर प्रदेश से गोबर भेजा जा रहा है। भविष्य मे अन्य राज्य भी इसमें शामिल हो सकते हैं।

बता दें कि कुवैत में कृषि वैज्ञानिकों(Agriculture Scientists) ने एक रिसर्च की। जिसमें पाया गया कि गाय के गोबर को पाउडर की तरह इस्तेमाल करने से खजूर की फसल का उत्पादन बढ़ जाता है। गोबर के पाउडर के इस्तेमाल के बाद खजूर का आकार और कुल मात्रा दोनों पहले से काफ़ी बेहतर थे। इसके बाद कुवैत की कंपनी लैमोर(Lamor Corporation) ने भारत को गाय के गोबर का एक बड़ा ऑर्डर दे दिया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस एक्सपोर्ट ऑर्डर(Export Order) की पहली कन्साइनमेंट में कुवैत को 192 मीट्रिक टन गोबर भेजा गया है। इसकी पैकिंग टोंक रोड, जयपुर के श्री पिंजरापोल गोशाला के सनराइज ऑर्गेनिक पार्क में हुई है और इसे कस्टम डिपार्टमेंट(Custom Department) की निगरानी में पैक किया गया है। पैकिंग के बाद गोबर के कंटेनर्स को आज 15 जून, 2022 को कुवैत के लिए रवाना कर दिया गया है। कंटेनर्स पहले राजस्थान के कनकपुरा रेलवे स्टेशन से मुंबई पहुंचेंगे। फिर इन्हें मुंबई से जहाज के जरिए कुवैत ले जाया जाएगा.

बता दें कि आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में करीब 30 करोड़ मवेशी हैं। जिनसे हर रोज तकरीबन 30 लाख टन गोबर का उत्पादन होता है। भारत में गोबर का इस्तेमाल ज्यादातर उपला बनाकर बतौर ईंधन ही किया जाता है। हालांकि पिछले कुछ सालों में देश में गोबर का इस्तेमाल आर्गेनिक खाद(Organic Manure) में भी किया जा रहा है। वहीं ब्रिटेन और चीन जैसे कई देशों में गोबर से बिजली व गोबर गैस का बड़े पैमाने पर उत्पादन किया जाता है।

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