गुजरात के बाद राजस्थान के पशुओं में फैली मंकीपॉक्स जैसी बीमारी, 1 हजार से ज्यादा गायों की मौत

वहीं पड़ोसी राज्य गुजरात में बीते दिनों में 1 हज़ार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है
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लंपी स्किन डिजीज एक वायरल बीमारी होती है, जो गाय-भैंसों में होती है. लम्पी स्किन डिज़ीज़ में पशुओं के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं, खासकर सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास. धीरे-धीरे ये गांठे बड़ी होने लगती हैं और घाव बन जाता है. पशुओं को तेज बुखार आ जाता है और दुधारु पशु अचानक से दूध देना कम कर देते हैं. मादा पशुओं का गर्भपात हो जाता है, कई बार तो पशुओं की मौत भी हो जाती है.

जयपुर - गुजरात के बाद राजस्थान में भी तेजी से फैल रही संक्रामक बीमारी लंपी स्किन डिजीज(Lumpy Skin Disease) ने पशुपालकों के बीच आतंक मचा दिया है. विशेषकर गौशालाओं में इस रोग का प्रकोप सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है. ज्यादा संख्या में एक साथ बंधे होने की वजह से गौशालाओं में यह तेजी से पशुओं में संक्रमण फैल रहा है. दरअसल लंपी स्किन बीमारी कुछ हद तक इंसानों में फैल रही मंकीपॉक्स(Monkey Pox) की तरह ही है. इसमें में मंकी पॉक्स की तरह बुखार, स्किन पर छाले पड़ते हैं. जोकि संक्रमित पशु के संपर्क में आने से दूसरे पशुओं में फैल रही है.

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गुजरात के बाद राजस्थान में लंपी स्किन बीमारी के मामले करीब 10 दिन पहले आये थे. इसके बाद यह बीमारी कई जिलों में फैल गयी है. इसका सबसे ज्यादा असर जालोर(Jalore District) जिले में है. यहां सांचोर के पथमेड़ा गोदाम आनंद वन की 6 गौशालाओं में लंपी वायरस फैल गया है. यहां पिछले 10 दिनों में लंपी वायरस की चपेट में आने से 330 गायों की मौत हो चुकी है. जबकि 1440 गायों में संक्रमण फैला हुआ है. वहीं पड़ोसी राज्य गुजरात में बीते दिनों में 1 हज़ार से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है. इसी गौशाला से संचालित पालड़ी गांव में स्थित श्री ठाकुर गौ सेवाश्रम गोशाला में करीब 750 से ज्यादा पशु चपेट में आ गए हैं. इसमें 150 से ज्यादा गायों की मौत हो चुकी है. वहीं संक्रमण फैलने के बाद यहां काम करने वाले 24 लोग भी संक्रमण के डर के चलते काम छोड़कर चले गए हैं.

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इस गौशाला में आसपास के इलाकों से हर रोज लंपी स्किन बीमारी से ग्रसित 20 से अधिक गायों को लाया जा रहा है. इस गौशाला में 100 से अधिक गांव के युवा गायों को सेवा में लगे हुए हैं. इस बीमारी से ग्रसित गायों को अलग रखकर उनका इलाज किया जा रहा है. वहीं इस बीमारी का इलाज न होने के कारण गौशाला में स्थानीय लोगों द्वारा मजबूरी में धूप, नीम के पत्तों के रस से गायों का देशी उपचार भी किया जा रहा है.

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क्या है लंपी स्किन बीमारी

बता दें लंपी स्किन डिजीज एक वायरल बीमारी होती है, जो गाय-भैंसों में होती है. लम्पी स्किन डिज़ीज़ में पशुओं के शरीर पर गांठें बनने लगती हैं, खासकर सिर, गर्दन, और जननांगों के आसपास. धीरे-धीरे ये गांठे बड़ी होने लगती हैं और घाव बन जाता है. पशुओं को तेज बुखार आ जाता है और दुधारु पशु अचानक से दूध देना कम कर देते हैं. मादा पशुओं का गर्भपात हो जाता है, कई बार तो पशुओं की मौत भी हो जाती है. एलएसडी(Lumpy Skin Disease) वायरस मच्छरों और मक्खियों जैसे खून चूसने वाले कीड़ों से आसानी से फैलता है. साथ ही ये दूषित पानी, लार और चारे के माध्यम से भी फैलता है.

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भारत में सबसे पहले ये बीमारी साल 2019 में पश्चिम बंगाल में देखी गई थी. जोकि पड़ोसी देश बांग्लादेश से आई थी. इस वायरस का अभी तक कोई टीका नहीं है, इसलिए लक्षणों के आधार इम्युनिटी बूस्टर डोज(Immunity Booster Dose) दी जाती है. यह बीमारी सबसे पहले 1929 में अफ्रीका महाद्वीप(African Continent) में पाई गई थी. पिछले कुछ सालों में ये बीमारी कई देशों के पशुओं में फैल गई, साल 2015 में तुर्की(Turkey) और ग्रीस(Greece) और 2016 में रूस(Russia) जैसे देश में इसने तबाही मचाई.

जुलाई 2019 में दक्षिण एशिया में इसे बांग्लादेश(Bangladesh) में देखा गया, जहां से ये कई एशियाई देशों में फैल रहा है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य(United Nations Food) एवं कृषि संगठन(Agriculture Organization) के अनुसार, लम्पी स्किन डिज़ीज़ साल 2019 से अब तक सात एशियाई देशों में फैल चुकी है, साल 2019 में भारत(India) और चीन(China), जून 2020 में नेपाल, जुलाई 2020 में ताइवान, भूटान, अक्टूबर 2020 वियतनाम(Vietnam) में और नंवबर 2020 में हांगकांग(Honkong) में यह बीमारी पहली बार सामने आई.

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