MSP कमेटी पर बबाल- संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने खड़े किए सवाल, कृषि मंत्री तोमर बोले- कमेटी में बात रखें

किसान बोले-  MSP को कानूनी गारंटी दे सरकार 

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किसानों की MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा - यह कमेटी MSP के लिए नहीं है। पहले से मिल रही MSP को और प्रभावशाली बनाने के लिए बनाई गई है। इस कमेटी के पास MSP को कानूनी गारंटी देने की भी पावर नहीं है। स्वामीनाथन की तरह यह कमेटी भी सिर्फ कागजी साबित होगी। किसानों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है।

 चंडीगढ़- केंद्र सरकार की न्यूनतम समर्थन मूल्य कमेटी पर बबाल हो गया है। । संयुक्त किसान मोर्चा ने कमेटी पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने इसमें पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार का कोई प्रतिनिधि नहीं। इन्हीं राज्यों में सबसे ज्यादा खेती होती है। आंदोलन में सबसे ज्यादा किसान यहीं से थे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह कमेटी MSP के लिए नहीं है। पहले से मिल रही MSP को और प्रभावशाली बनाने के लिए बनाई गई है। इस कमेटी के पास MSP को कानूनी गारंटी देने की भी पावर नहीं है। स्वामीनाथन की तरह यह कमेटी भी सिर्फ कागजी साबित होगी। किसानों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है।

 

 

किसानों की MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग


SKM नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि हमने कहा था कि MSP पर अलग कमेटी बनाने को कहा था। नई कमेटी में एमएसपी, कुदरती खेती और फसली विभिन्नताकरण को भी जोड़ दिया गया है। कुदरती खेती के लिए पहले से कमेटी बनी है। इस नोटिफिकेशन में कहीं नहीं लिखा कि कमेटी कितने समय में रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट लागू करना अनिवार्य होगा या नहीं, इसके बारे में कोई चर्चा नहीं है।

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा कि पीएम की घोषणा के अनुसार कमेटी बनाई है। इसमें किसान, अर्थशास्त्री, नीति आयोग, सरकार के प्रतिनिधि के अलावा सभी जरूरी मेंबर हैं। कमेटी कृषि को उन्नत बनाने और चुनौतियों का सामना करने के लिए सुझाव सरकार को दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आंदोलन खत्म होते वक्त उनके नेताओं से जो बात हुई, उसका पालन किया है। संयुक्त किसान मोर्चा से कई बार नाम मांगे गए, उन्होंने नहीं दिए। अब भी कमेटी में जगह खाली छोड़ी गई है। उन्होंने कहा कि फोरम खुला है, अगर संयुक्त किसान मोर्चा को कोई एतराज है तो वह कमेटी में आकर बताएं।

किसानों की MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग

किसान नेता हरिंदर सिंह लक्खोवाल ने कहा कि हमने ऐसी कमेटी की मांग नहीं की थी। हमने सिर्फ MSP पर आधारित कमेटी मांगी थी। कमेटी का समय क्या होगा?, क्या अधिकार होंगे? इसके बारे में कुछ नहीं बताया गया। यह कमेटी MSP पर कोई काम नहीं कर पाएगी। यह कमेटी सिर्फ कागजों में रह जाएगी। आने वाले दिनों में संयुक्त किसान मोर्चा(SKM) की मीटिंग बुलाकर कमेटी में जाने या न जाने के बारे में फैसला लेंगे।

किसानों की MSP को कानूनी गारंटी देने की मांग


किसान नेता मनजीत पंधेर ने कहा कि यह कमेटी MSP बनाने को लेकर नहीं है। पहले से मिल रही MSP को बेहतर करने के लिए है। आंदोलन के वक्त किसानों के विरोधी रहे लोग इस कमेटी में शामिल किए गए हैं। यह कमेटी किसानों की आंखों में धूल झोंकने के लिए बनाई गई है। किसान नेताओं को इसमें शामिल नहीं होना चाहिए। हम तब तक लड़ेंगे, जब तक केंद्र से MSP गारंटी कानून न बनवा लें।

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