सरकार के आदेश जारी- टूटे चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध

भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। वैश्विक चावल उत्पादन में भारत की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी 

 | 
गौरतबल है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। वैश्विक चावल उत्पादन में भारत की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 
चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है। भारत ने 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल निर्यात किया था। इस दौरान 150 से अधिक देशों को 6.11 अरब डॉलर का गैर-बासमती चावल निर्यात किया गया था।

नई दिल्ली- वैश्विक व्यापार में भारत की 40 प्रतिशत हिस्सेदारी राजस्व विभाग ने एक अधिसूचना में कहा कि मौजूदा खरीफ सीजन में धान फसल का रकबा काफी घट गया है।  अब भारत ने टूटे हुए चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है।  चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है। भारत ने 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल निर्यात किया था।गौरतबल है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। वैश्विक चावल उत्पादन में भारत की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

बबब


इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया गया है। यह आदेश आज से ही लागू होगा।  चावल के वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा 40% है। भारत ने 2021-22 में 2.12 करोड़ टन चावल निर्यात किया था। इस दौरान 150 से अधिक देशों को 6.11 अरब डॉलर का गैर-बासमती चावल निर्यात किया गया था।चावल की बढ़ती हुई कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने टूटे चावल के निर्यात पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इससे पहले टूटे चावल के निर्यात पर किसी तरह का शुल्क नहीं लगता था। 

गौरतबल है कि भारत चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा चावल उत्पादक देश है। वैश्विक चावल उत्पादन में भारत की 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

यह आदेश भी आज से लागू होगा। हालांकि, उबले और बासमती चावल के निर्यात को इस प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। घरेलू आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार, कुछ राज्यों में बारिश कम होने से मौजूदा खरीफ सीजन में अब तक धान का बुवाई क्षेत्र 5.62 फीसदी घटकर 383.99 लाख हेक्टेयर रह गया है। इसके अलावा, सरकार की ओर से जारी एक अन्य आदेश के तहत गैर-बासमती चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क वसूला जाएगा।

Latest News

Featured

Around The Web