भारत से भेजे गए गेहूं को तुर्की ने ये बीमारी बताकर लौटाया, चिंता में ट्रैडर्स

भारतीय ट्रैडर्स की और से भेजे गए गेहूं को तुर्की ने लेने से मना कर दिया है। तुर्की के अफसरों ने भारतीय गेहूं में फाइटोसैनिटरी की शिकायत करते हुए वापस कर दिया।
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गेहूं
भारतीय गेंहू में रूबेली बीमारी की हुई पुष्टि है, जिसकी वजह से 15 मिलियन टन गेहूं तुर्की ने वापस कर दिया। ये गेहूं की खेप प्रतिबंध से पहले तुर्की भेजा गया था। ऐसे में गेहूं वापस आने पर ट्रैडर्स के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं।

दिल्ली - भारत की और से भेजे गए गेहूं की खेप को तुर्की के अफसरों ने फाइटोसैनिटरी की शिकायत करते हुए वापस भेज दिया है। गेहूं की इस खेप में 15 मिलियन टन गेहूं बताया जा रहा है। गेहूं की इतनी बड़ी खेप वापस आने से भारत के ट्रेडर्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं। गौरतलब है कि मार्च 2022 में निर्यातकों ने तकरीबन 7 मिलियन टन गेहूं का निर्यात किया था।

सूत्रों के मुताबिक गेहूं में रूबेला नाम की बीमारी थी, जिसके चलते तुर्की के कृषि मंत्रालय ने इसे लेने से इनकार कर दिया। कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय पौधों में रूबेला बीमारी गंभीर समस्या है, इसी वजह से विदेश भेजे जाने वाले कंसाइनमेंट में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि भारतीय कृषि मंत्री की और से इसको लेकर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है।

गौरतलब है कि गेहूं की ये खेप एक प्राइवेट कंपनी की और से देश में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले भेजा गया था। दरअसल अप्रैल में महंगाई दर में आई उछाल के बाद भारत सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। गेहूं का सीजन होने के बादवजूद पिछले महीने गेहूं की कीमत में 20 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज हुई थी। इसके बाद ही गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। हालांकि तब सरकार ने प्रतिबंध से पहले भेजे जा चुके कंसाइनमेंट को इससे अलग रखा था। फिलहाल गेहूं की इतनी बड़ी खेप वापस आने से भारत के ट्रेडर्स की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

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