क्या होती है प्री-मानसून बारिश, मानसून की बारिश से क्यों है ये अलग

भारत के दक्षिणी राज्य केरल(Kerala) और पूर्वोत्तर(Indian North-East) भारत में मानसून का आगमन एक जून को होता है
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PRE MANSOON
भारतीय प्रायद्वीप में प्री मानसून बारिश उत्तरी हिस्सों(Northern Parts) में पहले आती है और पहले चली भी जाती है। उत्तर भारत में जून का महीना प्री मानसून मौसम महीना कहलाता है।

चंडीगढ़: इस चिलचिलाती गर्मी में अगर बारिश हो जाये तो तन ही नहीं मन भी तृप्त हो जाता है। कुछ ऐसा ही 2-3 दिन से हमारे आस पास देखने को मिल रहा है। उत्तर भारत के कई राज्यों में झमाझम बारिश हो रही है जिससे हमारे आस पास का तापमान भी कुछ कम हुआ है। लकिन क्या आपके दिमाग मे ये सवाल नहीं पनपा कि अभी तो मानसून आया ही नहीं है तो ऐसे कैसे बारिश हो रही है। चलिए हम आपको बताते हैं कि मानसून से पहले की बारिश को क्या कहते हैं और किन वजहों से ये बारिश होती है।


बता दें कि भारत में मानसून(Mansoon) का मौसम कई बड़ी और विस्तृत प्रक्रियाओं(Comprehensive Procedures) से मिलकर बना है। मई- जून के महीने में भारतीय प्रायद्वीप(Indian Peninsula) गर्मी से तपने लगता है जबकि उसके दक्षिण और आसपास अरब सागर(Arabian Sea) और बंगाल की खाड़ी(Bay of Bangal) में तापमान तुलनात्मक(Comparative) रूप से काफी कम होती है। इस तापांतर(Temperature Difference) की वजह से समुद्र से पानी के बादल बनकर(Due to Vaporization) भारी मात्रा में उत्तर भारत(North India) की ओर जाते हैं और वहां जाते हुए पूरे भारत में बारिश करते हैं जिसे मानसूनी बारिश कहते हैं.

कब होती हैं मानसून और प्री मानसून बारिश

भारतीय प्रायद्वीप में प्री मानसून बारिश उत्तरी हिस्सों(Northern Parts) में पहले आती है और पहले चली भी जाती है। उत्तर भारत में जून का महीना प्री मानसून मौसम महीना कहलाता है। भारत के दक्षिणी राज्य केरल(Kerala) और पूर्वोत्तर(Indian North-East) भारत में मानसून का आगमन एक जून को होता है, लेकिन मानसून जल्दी ही महीने के अंत तक उत्तर भारत तक पहुंच जाता है। लेकिन मानसून और प्री मानसून बारिश की विशेषताओं में कुछ अंतर है।

प्री मानसून की ख़ासियत

प्रीमानसून बारिश की खासियत गर्मी और आर्द्रता(Heat and Humidity) के हालात होते हैं। यह असहज स्थिति दिन और रात पूरे समय रहती है। लेकिन तेज हवाएं गर्मी से कुछ सुकून दे जाती हैं। लेकिन मानसून में हवाओं और लंबे समय तक बारिश से तापामान में गिरावट देखने को मिल जाती है। इसके अलावा बादल और उनके बहाव में भी खासा अंतर देखने को मिलता है। प्री मानसून के बादल ऊपर की ओर जाते हैं और प्रायः शाम को ही बरसते हैं।

बादलों का विशेष अंतर

जहां प्री मानसून के बादल ऊपर की ओर जाते हैं और अधिक तापमान पर बनते हैं। वहीं मानसून के बादल परतों वाले बादल होते हैं एक स्थान से दूसरे स्थान तक लंबी दूरी तय करते हैं। इन परतों में नमी की मात्रा ज्यादा होती है। प्री मानसून की बारिश तेज और तीखी होती है जो एक दो दिन में ही खत्म हो जाती है। वहीं मानसून बारिश की पारी लंबी होती है और यह बारिश बार बार भी होती है।

समय का अंतर

दोनों ही तरह की बारिश एक साथ देखने को नहीं मिलती है। मानसून की बारिश दिन में किसी भी समय आ सकती है। लेकिन प्रीमानसून बारिश दोपहर के बाद या शाम को ही आती है। इसके अलावा दोनों बारिशों में हवा का भी अंतर होता है। प्री मानसून बारिश झोंकेदार हवा के कारण धूल वाली तूफानी बारिश होती है।

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