हिसार के 40 गांवों में 60,682 एकड़ में कपास की फसल बर्बाद

ब्लॉक अनुसार नुकसान की तुलना करें तो नारनौंद में सबसे ज्यादा नुकसान 

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डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कुछ दिनों पहले अपने दौरे में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक पंप सेट लगाकर पानी नहरों में डालने के निर्देश दिए थे, परंतु अभी तक खेतों से पानी नहीं निकला। इस जलभराव के कारण कपास की फसलों को खासा नुकसान हुआ है।,
बारिश के कारण 60432 हेक्टेयर में फसल को नुकसान पहुंचा है। जिले में सबसे ज्यादा नारनौंद हलके में नुकसान हुआ है। वहां पर 33550 हेक्टेयर में फसल बर्बाद हुई है। कृषि विभाग ने कपास फसल में बारिश से हुई नुकसान हो लेकर आकलन रिपोर्ट तैयार की है।

हिसार- कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 30512 हेक्टेयर की फसल में 26 से 50 प्रतिशत के बीच फसल खराब हुई है।  हिसार में बारिश के कारण 40 से ज्यादा गांवों में जलभराव है। जिसमें बरवाला, आदमपुर, नारनौंद, बास व हांसी ब्लॉक शामिल है। वहीं 18700 हेक्टेयर में 51 से 75 प्रतिशत के बीच नुकसान हुआ है, जिसमें बरवाला, नारनौंद, बास व हांसी ब्लॉक शामिल है। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कुछ दिनों पहले अपने दौरे में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक पंप सेट लगाकर पानी नहरों में डालने के निर्देश दिए थे, परंतु अभी तक खेतों से पानी नहीं निकला। इस जलभराव के कारण कपास की फसलों को खासा नुकसान हुआ है।

डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कुछ दिनों पहले अपने दौरे में सिंचाई विभाग के अधिकारियों को अधिक से अधिक पंप सेट लगाकर पानी नहरों में डालने के निर्देश दिए थे, परंतु अभी तक खेतों से पानी नहीं निकला। इस जलभराव के कारण कपास की फसलों को खासा नुकसान हुआ है।,

हिसार में 3 लाख 39 हजार 980 एकड़ में कपास की बिजाई हुई है। बारिश के कारण जलभराव से करीब 60,682 एकड़ में कपास की फसल को नुकसान हुआ है। इसमें सबसे अधिक नारनौंद, हांसी और बास का एरिया है। कृषि विभाग के सर्वे अनुसार, सबसे ज्यादा नुकसान नारनौंद एरिया में हुआ है, जबकि अग्रोहा और उकलाना में नुकसान नहीं हुआ। कृषि विभाग की रिपोर्ट अनुसार 76 से 100 प्रतिशत कपास को नुकसान केवल 250 एकड़ में है। हालांकि सरकार ने 5 अगस्त से गिरदावरी करने के आदेश जारी किए है।

बास में 5 हजार एकड़ में 26 से 50 प्रतिशत तक, 51 से 75 प्रतिशत तक 3200 एकड़, हांसी में 2 हजार एकड़ में 25 प्रतिशत, 10 हजार एकड़ में 26 से 50 प्रतिशत और 2 हजार एकड़ में 51 से 75 प्रतिशत तक नुकसान हुआ।

नारनौंद में 8300 एकड़ में 25 प्रतिशत तक, 26 से 50 प्रतिशत तक 14000 एकड़, 51 से 75 प्रतिशत तक 11 हजार एकड़ में नुकसान हुआ। बरवाला में 500 एकड़ में 25 प्रतिशत, 1500 एकड़ में 25 से 50 प्रतिशत और 2500 एकड़ में 51 से 75 प्रतिशत तक नुकसान हुआ। बास में 5 हजार एकड़ में 26 से 50 प्रतिशत तक, 51 से 75 प्रतिशत तक 3200 एकड़, हांसी में 2 हजार एकड़ में 25 प्रतिशत, 10 हजार एकड़ में 26 से 50 प्रतिशत और 2 हजार एकड़ में 51 से 75 प्रतिशत तक नुकसान हुआ।आदमुपर में 170 एकड़ में 25 प्रतिशत तक नुकसान और 26 से 50 प्रतिशत तक 12 एकड़ में नुकसान हुआ। जबकि 76 से 100 प्रतिशत फसल का नुकसान 250 एकड़ में हुआ।

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