एकनाथ शिंदे का बड़ा फैसला, 2020 में भेजे गए 12 एमएलसी नामांकनों की सूची को लिया वापस  

MLC के लिए महाविकास अघाड़ी सरकार की ओर से प्रस्तावित 12 नाम वापस लिए
 
सरकार ने राज्यपाल कोटे के तहत विधानपरिषद सदस्यों के रूप में 12 लोगों को मनोनीत करने संबंधी तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार की सिफारिश वापस ले ली है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने दो साल पहले एमएलसी के रूप में मनोनीत करने के लिए 12 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फाइल को मंजूरी नहीं दी थी। 

नई दिल्ली - अब एमएलसी की सीटों का बंटवारा शिंदे गुट और भाजपा के बीच होगा। भाजपा को एमएलसी की 9 सीटें दी जा सकती हैं जबकि शिंदे गुट के खाते में तीन सीटें जा सकती हैं। एकनाथ शिंदे सरकार ने उद्धव सरकार की सिफारिश वापस लेने के लिए राज्यपाल को पत्र लिखा था।  राज्यपाल ने नई सरकार के फैसले को स्वीकार कर लिया है।  विधान परिषद में 12 MLC बनाए जाने हैं। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने दो साल पहले एमएलसी के रूप में मनोनीत करने के लिए 12 लोगों के नामों की सिफारिश की थी, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फाइल को मंजूरी नहीं दी थी। 

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार ने पिछली एमवीए सरकार द्वारा 2020 में भेजे गए 12 एमएलसी नामांकनों की सूची को वापस ले लिया है। बता दें कि पिछली एमवीए सरकार ने उन 12 नामों की लिस्ट दी थी जिन्हें राज्यपाल कोटे के तहत महाराष्ट्र विधान परिषद में नामित किया जाना था, हालांकि राज्यपाल ने दो साल से अधिक समय पहले मिली इस सूची पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया।सरकार ने नामों को वापस लेते हुए राजभवन को भी सूचित कर दिया है और कहा है कि वह इसके लिए नए नामों की सूची भेजेगी। 


उद्धव ठाकरे की ओर से राजभवन को भेजी गई सूची में शिवसेना कोटे से अभिनेत्री उर्मिला मातोंडकर, विजय करंजकर, नितिन बानुगड़े पाटिल और चंद्रकांत रघुवंशी, एनसीपी कोटे से एकनाथ खडसे, राजू शेट्टी, यशपाल भिंगे व गायक आनंद शिंदे और कांग्रेस कोटे से रजनीताई पाटिल, सचिन सावंत, अनिरुद्ध वांकर, मुजफ्फर हुसैन के नाम शामिल थे। सरकार ने राज्यपाल कोटे के तहत विधानपरिषद सदस्यों के रूप में 12 लोगों को मनोनीत करने संबंधी तत्कालीन महा विकास आघाड़ी सरकार की सिफारिश वापस ले ली है।