CBI की स्पेशल कोर्ट ने जमानत अर्जी खारिज की, पांच अक्टूबर तक जेल में रहेंगे पार्थ चटर्जी

चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को ED ने गिरफ्तार किया था 

 
23 जुलाई को ED ने कोलकाता के सरकारी आवास से पार्थ को शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था।  पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था। 

कोलकाता - पश्चिम बंगाल में SSC भर्ती घोटाले मामले में पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को 5 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। चटर्जी को स्पेशल कोर्ट ने 16 सितंबर को बुधवार तक CBI रिमांड में भेजा था। एजेंसी ने अदालत से कहा था कि शिक्षक भर्ती घोटाला मामले में चटर्जी से अभी पूछताछ बाकी है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI घोटाले की जांच कर रही है। CBI की स्पेशल कोर्ट ने बुधवार को चटर्जी की जमानत अर्जी खारिज कर दी।


CBI ने गांगुली को 15 सितंबर को गिरफ्तार किया था। चटर्जी के साथ तीन लोगों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। इनमें बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष कल्याणमय गांगुली, स्कूल सेवा आयोग के पूर्व सचिव अशोक साहा और इसके पूर्व सलाहकार एसपी सिन्हा शामिल हैं। चटर्जी और उनकी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को ED ने गिरफ्तार किया था। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद CBI मामले की जांच कर रहा है। SSC भर्ती घोटाले में ED जांच कर रही है।

वहीं पार्थ के वकील ने कहा कि उनके क्लाइंट को जमानत दी जानी चाहिए, क्योंकि वे 70 साल के हैं। बीमार हैं, लेकिन उनकी किसी भी दलील को कोर्ट ने स्वीकार नहीं किया। CBI ने कोर्ट में कहा कि पार्थ मामले की जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।23 जुलाई को ED ने कोलकाता के सरकारी आवास से पार्थ को शिक्षक भर्ती घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था। पार्थ पर आरोप था कि मंत्री रहते उन्होंने नौकरी देने के बदले गलत तरीके से पैसे लिए। पार्थ की गिरफ्तारी के 5 दिन बाद ममता बनर्जी ने उन्हें कैबिनेट से बर्खास्त कर दिया था।


पार्थ ने आगे कहा- मैंने ED की अब तक की पूछताछ में पूरा सहयोग किया है और आगे भी करूंगा। मैं खुद एक लॉ का स्टूडेंट्स रहा हूं और ब्रिटिश जमाने में मुझे स्कॉलरशिप मिल चुकी है। मैं क्यों स्कैम करूंगा? मैंने एक रुपए नहीं खाए हैं। ED मेरे बंगले पर 24 घंटे से ज्यादा वक्त तक रही, लेकिन उसे कुछ नहीं मिला। मुझे जमानत दी जाए, जिससे मैं चैन से जी सकूं। कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर पार्थ ने कहा, 'मुझे पॉलिटिकल साजिश के तहत फंसाया गया है।