ट्रेनों में इलेक्ट्रॉनिक मशीन से लगेगी यात्रियों की अटेंडेंस

खाली सीट पर नहीं चलेगी TTE की मनमर्जी

 
हैंड हेल्ड मशीन की वजह से प्लेटफार्म से ट्रेन छूटने के बाद अब सीटों का ऑनलाइन ब्योरा रहेगा। सीटें खाली रह जाने की स्थिति में अगले स्टेशन के यात्रियों को ऑनलाइन रिजवर्वेशन की सुविधा भी मिलेगी। 

नई दिल्ली - कोविड की वजह से रूकी योजनाएं एक बार फिर से शुरू होने लगी हैं। इस कड़ी में रेलवे ने पेपर वाले आरक्षण चार्ट की जगह हैंड हेल्ड मशीन टिकट चेकिंग स्टाफ को देने की प्रक्रिया तेज कर दी है। जल्द ही 1000 ट्रेनों में जीपीएस से लैस इसी मशीन से आरक्षित श्रेणी वाली कोच के यात्रियों के टिकट की जांच होगी। इसका सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि जो सीट खाली होगी उसे टीटीई अपने मन मर्जी से किसी को नहीं दे सकेगा। ऑटो अपग्रेड के माध्यम से वेटिंग व आरएससी वाले यात्री को सीट एलॉट हो जाएगा और उसके मोबाइल पर बर्थ नंबर भी आ जाएगा।

 

 

रेलवे ने इस तरह की सुविधा कुछ प्रीमियम ट्रेनों में शुरू भी की है। इसमें राजधानी, दुरंतो व शताब्दी ट्रेन शामिल है। रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी के अनुसार ऐसी करीब 150 ट्रेनों के टिकट चेकिंग स्टाफ को यह मशीन दी गई है। 1,000 ट्रेनों के टीटीई को यह मशीन उपलब्ध कराई जाएगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है। 

हैंड हेल्ड मशीन की वजह से प्लेटफार्म से ट्रेन छूटने के बाद अब सीटों का ऑनलाइन ब्योरा रहेगा। सीटें खाली रह जाने की स्थिति में अगले स्टेशन के यात्रियों को ऑनलाइन रिजवर्वेशन की सुविधा भी मिलेगी। कई बार ऐसा होता है कि यात्रियों का वेटिंग टिकट एक या दो पर अटक जाता है। 

 

 

इसी तरह आरएसी ही रह जाती है, जबकि कई कारणों से सीट खाली रह जाती है। जिसमें ट्रेन छूटने की वजह से या ट्रेन चलने के चंद मिनट पहले टिकट निरस्त कराना शामिल है। ऐसी स्थिति में उस खाली सीट का ब्यौरा सिर्फ टीटीई के पास ही रह जाता है। उस सीट को मोटी कीमत के साथ टीटीई किसी अन्य यात्री को दे देता है और वेटिंग व आरएसी वाले उस खाली बर्थ के हकदार नहीं हो पाते। इसी तरह की असुविधा को ध्यान में रख रेलवे ने हैंड हेल्ड मशीन टीटीई को देना शुरू किया है। सफर के दौरान यात्रियों को सीट के लिए टीटीई से चिरौरी भी नहीं करनी पड़ेगा।