पीएनबी की करेंसी चेस्ट में गले 42 लाख के नोट, चार बैंक अफसर सस्पेंड

आरबीआई ने जब करेंसी चेस्ट का ऑडिट किया तो मामले का हुआ खुलासा

 
कानपुर में पंजाब नेशनल बैंक की पांडु नगर शाखा की करेंसी चेस्ट में रखे 42 लाख रुपये सीलन से गल गए। बैंक के अधिकारियों ने किसी को मामले की भनक नहीं लगने दी, लेकिन जुलाई के अंत में आरबीआई ने जब करेंसी चेस्ट का ऑडिट किया, तो मामला खुल गया।

कानपुर - पीएनबी की पांडु नगर स्थित शाखा में बने करंसी चेस्ट में रखे 42 लाख रुपये सीलन में गल गए। बैंक में हेराफेरी का अपनी तरह का अनोखा मामला सामने आया, जिसका खुलासा जुलाई में आरबीआई के ऑडिट में पहली बार हुआ। मामले में चार बैंक अधिकारियों को निलंबित किया गया है। मामले की आरबीआई या सरकारी जांच एजेंसी से जांच कराए जाने की मांग की है। पर्सनल लोन लेकर 42 लाख की कमी को पूरा करने को कहा गया था।घटना का संज्ञान लेकर सभी चेस्टों की जांच की जानी चाहिए।


 

इस मामले में वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट देवी शंकर सहित चार अफसरों को सस्पेंड किया गया है।ऑडिट में यह रकम इतनी बड़ी नहीं थी। बाद में गिनती कराई गई तो 42 लाख रुपये की करेंसी नोट के सीलन में गलने का खुलासा हुआ।  इनमें से तीन अफसर हाल में तबादला होकर यहां आए थे। उनका यह भी आरोप है कि एक बड़े अफसर और अधिकारी संघ के एक पूर्व नेता ने 13 सितंबर को बैंक के चारों अफसरों के साथ बैठक की थी।वी बैंकर्स के राष्ट्रीय संयोजक कमलेश चतुर्वेदी ने बैंक के अन्य बड़े अफसरों पर भी कार्रवाई करने की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि उन्हें प्रबंधन बचाने की कोशिश कर रहा है। 


छह जून 2022 को रिपोर्ट करने वाले प्रबंधक करेंसी चेस्ट आशा राम और जून 2022 में करेंसी चेस्ट जवाहर नगर, उन्नाव से स्थानांतरित होकर आए वरिष्ठ प्रबंधक भास्कर कुमार शामिल हैं। आरबीआई के अफसरों ने 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक शाखा की करेंसी चेस्ट का निरीक्षण किया था। साथ ही 10 रुपये के 79 बंडल और 20 रुपये के 49 बंडल खराब होने की जानकारी दी थी। करेंसी चेस्ट में नोटों को बक्सों में ही भरकर जगह-जगह रख दिया गया। बड़ी तिजोरी में नोट नहीं रखे गए। पांडु नगर चेस्ट करेंसी अंडरग्राउंड है। यहां पर कंक्रीट से दीवार बनी है। सूत्रों ने बताया कि नया कैश आता रहा होगा और पुराने बक्से पीछे खिसकाए जाते रहे।

मामले में देवी शंकर, वरिष्ठ प्रबंधक करेंसी चेस्ट को सस्पेंड किया गया है। हफ्तों नोटों की गिनती कराई गई। इसमें पता चला कि 42 लाख रुपये के नोट गल गए हैं। वे तबादला होकर 25 जुलाई को ही आए थे जबकि चेस्ट में रुपये के गलने की घटना इसके पहले की है।
आरबीआई के नियमों के मुताबिक उन्हें नष्ट किया जाता है और नई करेंसी जारी की जाती है। इस मामले में हर नियम की अनदेखी की गई। नोटों के बक्सों को जमीन पर रखा गया। क्षमता से ज्यादा नोटों के बक्से रखे गए। नोट सड़ने से यह संकेत मिलते हैं कि चेस्ट में नोटों की नियमित गिनती नहीं होती है।