रिहाई के बाद भी सपना चौधरी की मुश्किलें बरकरार, जानें क्या है पूरा मामला 

सोमवार को कोर्ट में हाजिर हुई सोनिया, वकील ने दी  गिरफ्तारी वारंट वापस लेने की अर्जी
 
22 अगस्त की तारीख तय की थी, लेकिन सुनवाई के समय डांसर न तो कोर्ट में हाजिर हुई और न ही हाजिरी माफ  करने की अर्जी दी। इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।

लखनऊ - डांस इवेंट के टिकट बेचकर कार्यक्रम न करने के मामले में मशहूर डांसर सपना चौधरी सोमवार को करीब साढ़े 12 बजे कोर्ट में हाजिर हुई। वकील के जरिये गिरफ्तारी वारंट वापस लेने की अर्जी दी। 22 अगस्त को सुनवाई की तारीख लगी थी, लेकिन वकील की अस्वस्थता के चलते हाजिरी माफी की अर्जी नहीं दी जा सकी।  सपना के खिलाफ 1 मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया। इस पर अदालत ने 26 जुलाई 2019 को संज्ञान लिया था।  मामले की विवेचना के बाद जुनैद, इबाद, अमित और रत्नाकर के खिलाफ 20 जनवरी 2019 को चार्जशीट दाखिल की गई थी। 


13 अक्तूबर को दोपहर तीन से रात दस बजे तक स्मृति उपवन में सपना चौधरी सहित अन्य कलाकारों का कार्यक्रम था। इसके लिए आरोपियों ने प्रति व्यक्ति 300 सौ रुपये का टिकट बेचा था। रात 10 बजे तक डांसर के न आने पर कार्यक्रम के निरस्त होने से नाराज लोगों ने हंगामा किया था। आशियाना थाने की किला पुलिस चौकी के उप निरीक्षक फिरोज खान ने 13 अक्तूबर 2018 को सपना चौधरी, रत्नाकर उपाध्याय, अमित पांडे, पहल इंस्टीट्यूट के इबाद अली, नवीन शर्मा और जुनैद अहमद के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। 


एसीजेएम शांतनु त्यागी ने गिरफ्तारी वारंट वापस ले लिया और 20 हजार का मुचलका दाखिल करने पर रिहा करने का आदेश दिया। कोर्ट ने आरोप तय करने के लिए 30 सितंबर की तारीख तय की है। मालूम हो कि इस मामले में सपना चौधरी ने कोर्ट में हाजिर होकर जमानत करा ली थी। इसके बाद कोर्ट ने सपना पर आरोप तय करने के लिए 22 अगस्त की तारीख तय की थी, लेकिन सुनवाई के समय डांसर न तो कोर्ट में हाजिर हुई और न ही हाजिरी माफ  करने की अर्जी दी। इस पर कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था।