अगर पुराना चालान बकाया है तो रोड पे गाड़ी उतारने से पहले हो जाए सावधान!

पुराना चालान बकाया है तो गाड़ी हो सकती है इंपाउंड
 
दिल्ली-एनसीआर में रहते हैं तो और आपने वाहनों का बकाया ट्रैफिक चालान नहीं भरा है तो सतर्क हो जाइये, क्योंकि दिल्ली यातायात पुलिस (Delhi Traffic Police) अब सख्त कार्रवाई के मूड में है। दरअसल, बकाया ट्रैफिक चालान का भुगतान नहीं करने वालों कार्रवाई की कड़ी में अब वाहन चालान को वाहन के बीमा से जोड़ा जाएगा। जाहिर है इसके बाद वाहनों का बीमा नवीनीकरण (Renew Car Insurance) होना नामुमकिन होगा। इसके अभाव में सड़क पर गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर 2000 रुपये का चालान करने का नियम है। यह नियम पूरे देशभर में लागू है। 

दिल्ली.  दिल्ली में लगातार हो रहे ट्रैफिक उल्लंघन को लेकर दिल्ली पुलिस अब और सख्त हो गई है. जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे व पुलिसकर्मी तैनात होने के बावजूद बिना हेलमेट के दुपहिया वाहन चलाने वाले और अतिरिक्त सवारी करने वाले लोग अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं और अन्य राहगीरों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

अब जब दिल्ली पुलिस का ट्रैफिक विभाग बार-बार गलती करने वालों के वाहनों को सीधा करेगा. यातायात उल्लंघन में पकड़े जाने पर वह यातायात उल्लंघनों की इतिहास/पुरानी सूची को तत्काल हटा देगा और वहां दोहराने वाले के वाहन को जब्त कर अलग से जुर्माना लगा देगा।

वही बात करें तो आज से मथुरा रोड पर यह जांच शुरू की जाएगी, वहीं एक्सप्रेस-वे पर चढ़ने वाले सभी रास्तों पर पुलिस की तैनाती की जाएगी ताकि यात्री यातायात नियमों का पालन करें, खासकर दिल्ली मेरठ। एक्सप्रेसवे। यमुना एक्सप्रेसवे आदि।

सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स 1989 के तहत भारत सरकार ने PUC (अंडर पॉल्यूशन कंट्रोल) सर्टिफिकेट को अनिवार्य कर दिया है। पंजीकरण प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और बीमा पॉलिसी की तरह, यह पीयूसी प्रमाणपत्र सभी वाहनों के लिए अनिवार्य है, चाहे वह चार पहिया वाहन हो या दो पहिया वाहन। 

दिल्ली यातायात पुलिस के अनुसार, नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहनों के चालान बड़ी संख्या में हुए है। इनमें तेज रफ्तार के मामले सबसे ज्यादा है। ऐसे चालान महीनों से लंबित हैं। वाहन मालिक चालान भरने में रुचि नहीं ले रहे हैं, क्योंकि उन्हें किसी बड़ी कार्रवाई का डर भी नहीं है। बताया जा रहा है कि पिछले साल के आंकड़ों के मुताबिक, कुल काटे गए याताया चालानों में से सिर्फ 10 प्रतिशत वाहन मालिकों ने ही अपने चालान जमा करवाए हैं।