New Labour Code: हफ्ते में तीन दिन छुट्टी के लिए अब करना होगा इंतजार

23 राज्य में लागू हो चुके है नए लेबर कोर्ड के कानून के प्री-पब्लिश्ड ड्राफ्ट 
 

नए लेबर कानून लागू होने से वीकली ऑफ की संख्या में बड़ा बदलाव होने वाला है। नए लेबर कोड के लागू होने के बाद सरकार वीकली ऑफ की संख्या दो से घटाकर तीन करने की को इजाजत दे सकती है। हालांकि सप्ताह के दौरान कर्मचारियों के काम के कुल घंटों में कोई भी बदलाव किए नहीं जाएंगे, जिसके कारण एक दिन में काम के घंटों की संख्या आठ से बढ़कर 12 घंटें हो  सकती है। 
 नई दिल्ली- जुलाई से लागू होने वाला नया लेबर कोड  पर फिर से अड़चने आ गई है।  केंद्र सरकार चाहती थी कि सभी राज्य एक साथ नए लेबर कोड लागू करें। लेकिन बात नहीं बनने से एक बार फिर से कानून फिलहाल अधर में लटक गया है। 

23 राज्य नए लेबर कोर्ड के कानून के प्री-पब्लिश्ड ड्राफ्ट को अपना चुके हैं।  लेकिन बाकी के राज्यों ने इसे अभी तक नहीं अपनाया है।  सरकार चार बड़े बदलाव के लिए नया लेबर कोड लेकर आई है। नए कोड से सप्ताहिक छुट्टियों से लेकर इन सैलरी तक में बदलाव होता। 

 

 

नए वेज कोड के अनुसार, नौकरीपेशा लोगों को सप्ताह में चार दिन काम और तीन अवकाश मिलने हैं. हलांकि, इसके लागू होने के बाद कर्मचारियों को दफ्तर में अधिक काम करना पड़ेगा। सप्ताह में तीन दिन की छुट्टी के साथ आपको हर दिन दफ्तर में 12 घंटे काम करने पड़ेंगे। मतलब ये कि किसी भी हाल में आपके काम की अवधि नहीं कम होगी। 

फिलहाल कर्मचारियों को सप्ताह में पांच दिन 8 से 9 घंटे दफ्तर में काम करने होते हैं।  नए लेबर कोड वेज , सोशल सिक्योरिटी , इंडस्ट्रियल रिलेशंस और ऑक्यूपेशनल सेफ्टी  से जुड़े हैं। 

नए लेबर कोड में छुट्टियों को लेकर एक और बड़ा बदलाव किया गया है। फिलहाल किसी भी संस्थान में लंबे समय तक की छुट्टी लेने के लिए कर्मचारी को साल में कम से कम 240 दिन काम करना जरूरी है। लेकिन नए लेबर कोड में इसे घटाकर 180 दिन (6 महीना) कर दिया गया है। 

नए वेज कोड के बेसिक सैलरी में भी बदलाव का प्रावधान किया गया था। इसके लागू होने के बाद टेक होम सैलरी यानी इन हैंड सैलरी आपको अकाउंट में कम आएगी।  सरकार ने पे रोल को लेकर नए नियम बनाए हैं । नए वेज कोड के तहत किसी भी कर्मचारी की बेसिक सैलरी उसकी टोटल सैलरी का 50 फीसदी या उससे अधिक होनी चाहिए। 

नए वेज कोड में नौकरी छोड़ने के बाद फुल एंड फाइनल को लेकर बड़ा बदलाव किया गया है।  इसमें प्रावधान किया गया है कि कंपनियों को कर्मचारी के नौकरी छोड़ने, बर्खास्तगी, छंटनी और इस्तीफा देने के दो दिन के अंदर कर्मचारियों को उनकी सैलरी का भुगतान करना होगा।  अभी वेजेज के पेमेंट और सेटलमेंट पर ज्यादातर नियम लागू हैं। हालांकि, इनमें इस्तीफा शामिल नहीं है. फिलहाल कंपनियां फुल एंड फाइनल करने में 30 से 60 दिनों का समय लेती हैं। 


अगर आपकी बेसिक सैलरी बढ़ेगी, तो आपका पीएफ फंड में कंट्रीब्यूशन भी बढ़ेगा।  ऐसे में पीएफ में पहले के मुकाबले अधिक पैसा जमा होगा। इस तरह कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय मोटी रकम मिलेगी।  सरकार ने कर्माचारियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए ये बदलाव किए हैं। लेकिन नय वेज कोड अभी तक लागू नहीं हो सका है।