Contempt Case: भगोड़े विजय माल्या को चार महीने की सजा

सुप्रीम कोर्ट ने सजा के साथ लगाया  दो हजार रुपये का जुर्माना 
 
9 मई 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को कोर्ट की अवमानना का दोषी पाया था. विजय माल्या ने डिएगो डील से मिले करीब 40 मिलियन डॉलर अपने बच्चों को ट्रांसफर कर दिए थे. विदेश में ट्रांसफर किए गए 40 मिलियन डॉलर चार  हफ्ते में चुकाने के लिए आर्डर जारी 
नई दिल्ली -  भगोड़े व्यवसायी विजय माल्या को अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने चार महीने की सजा सुनाई है। इसके साथ कोर्ट ने  दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने अपने  फैसले में जुर्माना राशि नहीं  चुकाने पर दो महीने की अतिरिक्त कैद की सजा भी सुनाई है।

 

 

अवमानना  मामले में सजा की अवधि तय करने के लिए  न्यायमूर्ति ललित, न्यायमूर्ति एस रवीन्द्र भट और न्यायमूर्ति पीएस नरसिम्हा की पीठ ने 10 मार्च को ही अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था । कहा था कि माल्या के खिलाफ सुनवाई में अब प्रगति नहीं हो सकती है। उच्चतम न्यायालय ने कई पहलुओं पर वरिष्ठ अधिवक्ता और न्याय मित्र जयदीप गुप्ता की दलीलें सुनीं, जिसके बाद फैसला सुरक्षित रखा गया। 

पहले पीठ ने माल्या का प्रतिनिधित्व कर चुके वकील को 15 मार्च तक लिखित दलीलें पेश करने की अनुमति भी दी थी। लेकिन माल्या के वकील ने 10 मार्च को कहा था कि ब्रिटेन में रह रहे माल्या से कोई निर्देश नहीं मिला है। ऐसे में वह अवमानना के मामले में दी जाने वाली सजा की अवधि को लेकर माल्या का पक्ष रख पाने में असहाय हैं।


 

शीर्ष अदालत ने माल्या को अदालत के आदेश का उल्लंघन करते हुए अपने बच्चों को चार करोड़ डॉलर हस्तांतरित करने के लिए अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था। माल्या को संपत्ति का सही ब्यौरा न देने के लिए 2017 में अदालत के आदेशों की अवहेलना का दोषी माना गया था।

कोर्ट के इस फैसले पर माल्या की ओर से दाखिल पुनर्विचार याचिका भी सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है। 10 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विजय माल्या को अपने खिलाफ अवमानना मामले में व्यक्तिगत रूप से या वकील के माध्यम से पेश होने के लिए दो सप्ताह का अंतिम अवसर दिया था।