चीन की धमकियों के बीच ताइवान पहुंचीं नैंसी पेलोसी, US के 24 फाइटर जेट्स ने दिया सिक्योरिटी कवर

अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंच गई हैं. ताइवान की उनकी यात्रा ने चीन को नाराज कर दिया है.
 
अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की स्पीकर नैंसी पेलोसी आखिरकार ताइवान की राजधानी ताईपेई पहुंच गईं हैं. यहां अमेरिकी नेवी और एयरफोर्स के 24 एडवांस्ड फाइटर जेट्स ने नैंसी के प्लेन को एस्कॉर्ट किया.

नई दिल्ली - चीन की धमकियों के बीच अमेरिका (America) की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताइवान (Taiwan) पहुंच गई हैं. यहां उन्हें अमेरिकी नेवी और एयरफोर्स के 24 एडवांस्ड फाइटर जेट्स ने नैंसी के प्लेन को एस्कॉर्ट किया. एयरपोर्ट पर ताइवान की राष्ट्रपति ने उनका स्वागत किया. इस दौरान सुरक्षा कारणों से एयरपोर्ट पर अंधेरा रहा.

वहीं चीन (China) ने उनके ताइवान पहुंचने पर फिर से धमकी दी और कहा कि अमेरिका अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे. उनके दौरे को लेकर पहले ही चीन ने अमेरिका को चेतावनी दे रखी है कि अगर नैंसी पेलोसी ताइवान गईं तो अंजाम अच्छा नहीं होगा. इन धमकियों के बावजूद स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंच गई हैं.

बता दें कि चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने पिछले दिनों कहा था कि अगर पेलोसी का प्लेन ताइवान की तरफ गया तो उसे उड़ाया जा सकता है. बाद में ये भी कहा गया कि चीनी एयरफोर्स के एयरक्राफ्ट पेलोसी के विमान को घेर लेंगे. ये धमकियां कोरी साबित हुईं. बता दें कि ये 25 वर्षों में किसी वरिष्ठ अमेरिकी अधिकारी द्वारा ताइवान की पहली यात्रा है.

जापानी मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार उनके दौरे से पहले 8 अमेरिकी लड़ाकू जेट और 5 ईंधन भरने वाले विमानों ने अमेरिकी सैन्य अड्डे से उड़ान भरी थी. ये पेलोसी के विमान के लिए पैरामीटर सुरक्षा प्रदान करने जा रहे थे.

साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्टकी रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में कुछ झिझक दिखाने के बाद अब जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने चीन से सीधे निपटने के लिए तैयारी कर ली है. वहीं पेलोसी के एयरक्राफ्ट को रोकने की हिम्मत चीन नहीं कर पाया. कुछ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, चीन ने सिर्फ धमकी दी थी. वो ऐसी कोई हिमाकत नहीं करेगा जिससे अमेरिका से सीधा टकराव तय हो जाए.

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका और ताइवान की सेनाएं चीन से निपटने के लिए तैयारी कर चुकी हैं. अमेरिकी नेवी के 4 वॉरशिप हाईअलर्ट पर हैं और ताइवान की समुद्री सीमा में गश्त कर रहे हैं. इन पर एफ-16 और एफ-35 जैसे हाईली एडवांस्ड फाइटर जेट्स और मिसाइलें मौजूद हैं. रीपर ड्रोन और लेजर गाइडेड मिसाइलें भी तैयार हैं.

अगर चीन की तरफ से कोई हिमाकत की गई तो अमेरिका और ताइवान उस पर दोनों तरफ से हमला कर सकते हैं. कहा जा रहा है कि चीन ने कार्रवाई के लिए लॉन्ग रेंज हुडोंग रॉकेट और टैंक तैयार रखे हैं. उसके पास ताइवान स्ट्रेट में दूसरे मिलिट्री इंस्टॉलेशन्स भी हैं. इनका इस्तेमाल वो कर सकता है.

अमेरिकी फौज की इन हरकतों पर पैनी नजर है. USS रोनाल्ड रीगन वॉरशिप और असॉल्ट शिप हाईअलर्ट पर हैं. कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि पेलोसी के दौरे के कई दिन पहले ही अमेरिका के कई सैनिक और मिलिट्री टेक्निकल एक्सपर्ट ताइवान पहुंच चुके हैं.