DSP Murder: पत्नी से फोन पर बोले, चिंता मत करो... जल्द लौटूंगा

डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की हत्या से गम और गुस्से का माहौल 
 
नूंह डीएसपी सुरेंद्र सिंह बिश्नोई की हत्या से उनकी पत्नी कौशल्या काफी व्यथित हैं। उन्होंने अपने पति की बहादुरी बताते हुए अपना दर्द बयां किया है। उनकी पत्नी ने बताया कि एक दिन पहले ही उनसे फोन पर बात हुई थी। 

आदमपुर- डीएसपी की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। बार-बार वह बेसुध हो रही हैं। परिवार के सदस्य कौशल्या को ढांढस बंधाया। उनकी पत्नी ने बिलखते हुए बताया कि वे कभी भी अपने काम से छुट्टी नहीं लेते थे। उन्होंने मुझसे कहा था कि तीन महीने बाद मैं रिटायर हो जाऊंगा। उसके बाद बाद जुड़वा पोतों के साथ खेलूंगा। उनका अरमान धरा ही रह गया। अब कुछ नहीं पता क्या होगा। उन्होंने कहा था- चिंता मत करो...मुझे कुछ नहीं होगा, सही सलामत जल्दी लौटूंगा। कौशल्या देवी ने बिलखते हुए कहा कि हमारा तो सब कुछ चला गया। 


वहीं, गांव सारंगपुर में सुरेंद्र बिश्नोई के  हिस्से की जमीन में उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। दिवंगत डीएसपी सुरेंद्र सिंह के बड़े भाई सेवानिवृत्त प्राचार्य मक्खन सिंह ने बताया कि वीरवार सुबह करीब 10 बजे गांव सारंगपुर से भाणा रोड स्थित ढाणी के पास उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। ग्रामीणों ने बताया कि सुरेंद्र सिंह बहुत ही शांत, हंसमुख, सौम्य व्यक्तित्व के धनी थे। सुरेंद्र सिंह का प्रकृति से बड़ा प्यार था एवं वे पर्यावरण प्रेमी थे।

 

 सिद्धार्थ ने अपने पापा  से कहा था कि आप लोग यहां कनाडा आ जाओ, हम यहीं पर रहेंगे। डीएसपी बोले-तुम हमारे पास वापस अब इंडिया आ जाओ..यहीं रहते हैं। उन्हें घूमने का बिल्कुल भी शौक नहीं था। वह अक्सर कहती रहती थी कि छुट्टी ले लो कहीं घूमने चलते हैं, तो वे यहीं कहते थे बस कुछ महीनों की बात है, जब रिटायर हो जाऊंगा तो समय ही समय है।

 इसी प्रकार पिछले दिनों यमुनानगर में भी पुलिस अधिकारी पर गाड़ी चढ़ाना और नूंह, मेवात, दादरी, तोशाम, यमुनानगर आदि जगह खनन माफिया द्वारा कानून व्यवस्था की खुली धज्जियां उड़ाते हुए सरकार की मिलीभगत से अवैध खनन करने से प्रदेश की जनता में बड़ी भारी नाराजगी है।

अवैध खनन का बहुत बड़ा व्यापार बन चुका है, जिसमें लगातार करोड़ों-अरबों रुपए का घोटाला किया जा रहा है। सरकार को अवैध खनन रोकने के लिए सर्वदलीय कमेटी का गठन करना चाहिए। अवैध खनन पर अधिकारी से लेकर खनन मंत्री तक की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।