राष्ट्रपति ने संशोधन के लिए वापस भेजा हरकोका कानून

प्रदेश सरकार  सात साल से लागू करवाने के लिए कर रही कोशिश मकोका की तर्ज पर हरियाणा में कानून बनाने की घोषणा की थी
 
राष्ट्रपति ने हरकोका को दोबारा संशोधन के लिए हरियाणा सरकार को भेजा है। सरकार पिछले सात साल से संगठित अपराध के खिलाफ कानून बनाने में लगी हुई है, लेकिन अभी तक यह नहीं बन पाया। इससे पहले वर्ष 2020 में भी राष्ट्रपति ने कुछ सुझाव देते हुए कानून को संशोधन के लिए सरकार को भेजा था।

चंडीगढ़-  हरियाणा के सीएम  मनोहर लाल ने सरकार ने नवंबर 2020 में पहले पारित हो चुके हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक (हरकोका), 2019 को विधानसभा में वापस ले लिया था। भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद मकोका की तर्ज पर हरियाणा में कानून बनाने की घोषणा की थी। 

 

 

सरकार ने नवंबर 2020 में विधानसभा में संविधान के अनुच्छेद 200 और 201 में दिए गए उपबंधों के तहत हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2019 को वापस लेने का प्रस्ताव रखा था, जिसे पारित कर दिया गया। सरकार का कहना था कि हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक, 2019 संगठित अपराध सिंडिकेट या गैंग द्वारा आपराधिक गतिविधियों को रोकने व नियंत्रण करने और उनसे निपटने के लिए बनाया था। राज्यपाल ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 201 के तहत इस विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए भेजा, जिस पर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कुछ अहम बदलाव सुझाए थे।

एनडीपीएस एक्ट के तहत कुछ संशोधन किए जाने हैं, जिन पर विचार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार आगामी मानसून सत्र में संशोधन विधेयक ला सकती है। सरकार ने नए सिरे से विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित कर भिजवाया, लेकिन उस पर भी राष्ट्रपति ने आपत्ति जताई है। अब इसे संशोधित कर दोबारा राज्यपाल के माध्यम से राष्ट्रपति को भेजा जाएगा।

विधानसभा में संशोधन विधेयक पारित होने के बाद ही उसे नए प्रारूप में राज्यपाल के जरिये राष्ट्रपति को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।पारित हो चुके हरियाणा संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक  2019 को विधानसभा में वापस ले लिया था। विधेयक में कुछ धाराओं को हटाकर, नई धाराओं को जोड़ना था।  मुख्यमंत्री ने भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद मकोका की तर्ज पर हरियाणा में कानून बनाने की घोषणा की थी।