आरएसएस महासचिवदत्तात्रेय होसबले ने खाद्य कीमतों के बढ़ने पर जताई चिंता

बुनियादी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के मुद्दों पर विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर तीखे हमले के बीच उनका यह बयान आया है.
 
आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले बोले कि यह स्पष्ट है कि लोग भोजन, कपड़े और आवास को किफायती बनाना चाहते हैं क्योंकि वे जीने के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं. साथ ही कहा कि सहकारी समितियां इस संबंध में बड़ी भूमिका निभा सकती हैं.

नई दिल्ली - आरएसएस के महासचिव दत्तात्रेय होसबले ने कहा कि मुद्रास्फीति और खाने पीने के चीजों की कीमतों को लेकर गंभीरता से विचार करने की जरुरत है और उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लोग चाहते हैं कि भोजन, वस्त्र और आवास सस्ती हो क्योंकि वे बुनियादी आवश्यकताएं हैं. होसबले ने भारत को कृषि में आत्मनिर्भर बनाने का श्रेय आज तक की सभी सरकारों को दिया.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता की टिप्पणी बढ़ती कीमतों और आटा और दही जैसे बुनियादी खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाने के मुद्दों पर विपक्षी दलों द्वारा केंद्र सरकार पर तीखे हमले के बीच आई है. उन्होंने रेखांकित किया कि हालांकि जरूरी चीजें सभी के लिए सस्ती होनी चाहिए, लेकिन किसानों को इसका खामियाजा नहीं उठाना चाहिए.

दत्तात्रेय होसबले आरएसएस-संबद्ध भारतीय किसान संघ द्वारा भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद और भारतीय कृषि आर्थिक अनुसंधान केंद्र के साथ कृषि पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में बोल रहे थे. महंगाई दर और खाने पीने की चीजों की कीमतों के बीच संबंध पर अमूल के प्रबंध निदेशक आरएस सोढ़ी द्वारा की गई एक प्रस्तुति का उल्लेख करते हुए, होसाबले ने कहा कि महंगाई दर और खाद्य कीमतों के बीच संबंध के मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है.

होसबाले ने कहा कि प्रस्तुति में यह सुझाव दिया गया था कि लोग औद्योगिक उत्पादों के लिए अधिक भुगतान करने के लिए तैयार हैं, लेकिन खाद्य पदार्थों के लिए नहीं. यह स्पष्ट है कि लोग भोजन, कपड़े और आवास को किफायती बनाना चाहते हैं क्योंकि वे जीने के लिए बुनियादी आवश्यकताएं हैं. सहकारिता इस संबंध में एक बड़ी भूमिका निभा सकती है.