अपहरण के मामले में 24 साल से फरार डकैत को पुलिस ने पकड़ा, संत बना हुआ था

लखनऊ - पिछले 24 सालों से डकैती व लूट के कई मामलों में फ़रार चल रहे आरोपी डकैत छेदा सिंह(Dacoit Chheda Singh ) उर्फ़ छिद्दा को गिरफ्तार कर लिया गया है. रविवार यानी 26 जून को उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) की औरैया पुलिस(Auraiya Police) द्वारा छिद्दा को गिरफ्तार किया गया है. डकैत लालाराम गैंग(Dacoit Lalaram Gang) के सक्रिय सदस्य रहे छिद्दा पर पुलिस ने 50 हज़ार रुपये का ईनाम भी रखा हुआ था.
छेदा सिंह पर फूलन देवी(Phoolon Devi) के अपहरण(Kidnapping Case) का आरोप लगा था. छिद्दा के खिलाफ उत्तर प्रदेश में लूट व अपहरण(Loot And Kidnapping) के दर्जनों केस दर्ज़ हैं. पुलिस को चकमा देने के लिए वो साधु के भेष में मध्प्रदेश(Madhya Pradesh) में रह रहा था. हालांकि पुलिस ने औरेया स्थित भासौन(Bhasaun) में उसके घर से गिरफ्तार किया है.
बताया जा रहा है कि छिद्दा शनिवार को अपने गांव आया था. पुलिस के मुखबिर(Informer) ने सूचना दी थी कि छिद्दा साधु-संतों के साथ गाड़ी में अपने घर आया है. सूचना के आधार पर औरैया पुलिस की आठ लोगों की टीम ने उसे घर से हिरासत में ले लिया. गिरफ्तार आरोपी छिद्दा ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि उसने लालाराम गैंग में रहते हुए दर्जनों लूट व अपरहण की घटनाओं को अंजाम दिया.
औरेया पुलिस ने प्रेस नोट(Press Note) जारी कर बताया कि छेदा सिंह ने अपने साथियों के साथ 1998 में अयाना क्षेत्र के जसवंतपुर गांव(Village Jaswantpur) के 4 लोगों का अपहरण किया था. इसमें कुछ लोगों को फिरौती लेकर छोड़ दिया था जबकि एक अपहृत(Kidnapped) को पुलिस ने मुठभेड़ के दौरान छुड़वाया था. इसी मुकदमे में अयाना पुलिस को छेदा की तलाश थी. धीरे धीरे जब लालाराम गैंग का अंत होने लगा तो छिद्दा 15-20 सालों से साधु-संतों के भेष में चित्रकूट में रह रहा था.
पुलिस ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि छिद्दा के पास फर्जी आधार कार्ड(Fake Aadhar Card), फर्जी पैन कार्ड(Fake PAN Card), वोटर कार्ड(Fake Voter Card) और राशन कार्ड(Fake Ration Card) बरामद हुआ है. प्रेस नोट के मुताबिक छेदा सिंह के ख़िलाफ़ जालौन, कानपुर देहात और औरैया में आईपीसी(IPC) की कई धाराओं के तहत कुल 21 मामले दर्ज हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक छेदा सिंह पर यह भी आरोप है कि 1981 में बेहमई कांड से पहले फूलन देवी का विक्रम मल्लाह(Vikram Mallah) के ठिकाने से अपहरण हुआ तो उसमें छेदा सिंह भी शामिल था.