भ्रष्टाचारी अफ़सर को मजदूर ने रिश्वत नहीं दी तो अफ़सर ने फ्री में घर पर पेंट करवाया

फ्री में अपने निजी घर पर पेंट करवाने के बाद भी मजदूर का काम नहीं किया
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CORRUPTION
लेखपाल ने काम करने की बजाय मजदूर से पूछा कि वो मजदूरी में क्या काम करता है. इस पर मजदूर युवक ने बताया कि वो लोगों के घर में पुताई का काम करता है.

लखनऊ - किसी भी सिस्टम को अच्छा या बुरा, उसमें काम करने वाले कर्मी बनाते हैं. हमारी सरकारी सिस्टम(Govt. System) किस क़दर करप्ट(Corrupt) है सभी को पता है. कोई भी काम करवाने के लिए अधिकारी की टेबल पर जब पैसे नहीं रखे जाते तब तक अफ़सर सीधे मुंह बात नहीं करतें. एक ऐसा ही मामला उत्तर प्रदेश(Uttar Pradesh) के गाजियाबाद(Ghaziabad) में सामने आया है. जहां एक लेखपाल(Accountant) पर आरोप लगा है उसे एक मजदूर से रिश्वत के पैसे नहीं मिले तो उसने दूसरा तरीका अपनाया. लेखपाल पर आरोप है कि उसने मजदूर से फ्री में पेंट करवाया, खबरों के मुताबिक मामला गाजियाबाद के मोदीनगर तहसील(Modinagar Tahsil) का बताया जा रहा है.

लोकल मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मोदीनगर में एक मजदूर अपनी जमीन का काम कराने विनोद नाम के लेखपाल के पास पहुंचा था. कथित तौर से लेखपाल(Accountant) ने उससे काम करने के लिए 10 हज़ार रुपये की रक़म रिश्वत के तौर पर मांगी. इस मांग पर मजदूर ने लेखपाल से कहा कि 10 हज़ार रुपये की रकम उसके लिए बहुत ज्यादा है. उसने बताया कि मजदूरी कर अपने परिवार का बड़ी मुश्किल से वह अपने परिवार का गुजारा करता है. लेकिन मजदूर ने बताया कि लेखपाल ने उसकी हालत पर कोई तरस नहीं खाया.

रिपोर्ट के मुताबिक मजदूर की लाचार हालत देख लेखपाल विनोद ने दूसरे तरीके से रिश्वत लेने का तरीका खोज निकाला. लेखपाल ने काम करने की बजाय मजदूर से पूछा कि वो मजदूरी में क्या काम करता है. इस पर मजदूर युवक ने बताया कि वो लोगों के घर में पुताई का काम करता है. यह बात जानकर लेखपाल ने उसे अपने निजी घर की पुताई(Home Paint) का काम सौंप दिया. 

मामला यहीं भी नही सुलझा. लेखपाल पर आरोप है कि पुताई का काम कराने के बाद भी उसने उस मजदूर युवक का काम नहीं किया. इससे परेशान होकर पीड़ित ने मोदीनगर के एसडीएम(Sub Divisional Magistrate) से लेखपाल की शिकायत की है. जानकारी के मुताबिक पीड़ित ने अपनी शिकायत में बताया,"जमीन पर नाम चढ़ाने के लिए 10 हजार रुपये मांगे. मेरे पास पैसे नहीं होने की बात पर घर की पुताई कराई. कोई पैसे नहीं दिए और जमीन पर नाम भी नहीं चढ़ाया और कहा कि अब उसका ट्रांसफर हो गया है."

मोदीनगर के एसडीएम शुभांगी शुक्ला(Shubhangi Shukla) का कहना है कि मामला संज्ञान में आने के बाद उन्होंने तहसीलदार को पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. जिसकी रिपोर्ट तहसीलदार(Tehsildar) ने उन्हें सौंप दी है. जांच रिपोर्ट में लेखपाल विनोद(Accountant Vinod) को दोषी पाया गया है. खबर है कि लेखपाल को सस्पेंड(Suspend) कर दिया गया है.

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