यूपी में मंत्री कोर्ट से अपनी फाइल लेकर भाग गया, पुलिस ने 24 घंटे बाद भी फिर नही दर्ज की
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लखनऊ - खबर उत्तर प्रदेश के कानुपर जिले(Kanpur District) की है. जहां कोर्ट में यूपी के एक मंत्री के खिलाफ दायर एक केस की सुनवाई चल रही थी. तमाम दलीलों के बाद कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया. लेकिन आरोप है कि सजा सुनाने से पहले ही केस की लेकर भाग गए थे . अब कोर्ट आरोपी मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराना चाहती है लेकिन पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही.
खबरों के मुताबिक कोर्ट की रीडर(Court Reader) कामिनी ने 7 अगस्त को पुलिस में लिखित शिकायत दी थी. लेकिन शिकायत के 24 घंटे बाद भी पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया है. मामला कुछ यूं उलझ गया है कि कोर्ट को केस दर्ज कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा ना खटखटाना पड़ जाए.
घटनाक्रम शनिवार, 6 अगस्त का है, जब पूरा देश वीकेंड मना रहा था तब कानपुर की एक कोर्ट में यूपी के लघु सूक्ष्म व मध्यम उद्योग मंत्री राकेश सचान(Rakesh Sachan) के खिलाफ दायर केस की सुनवाई चल रही थी. केस साल 1991 में दर्ज किया गया था. राकेश सचान के पास अवैध हथियार बरामद किए गए थे. जिसके बाद उनके खिलाफ आर्म्स एक्ट(Indian Arms Act) के तहत केस दर्ज किया गया था. सुनवाई के बाद मंत्री को दोषी करार दिया. इसके बाद मजिस्ट्रेट सजा का आर्डर लिखने अपने चेम्बर में चले गए.
कोर्ट की रीडर द्वारा दायर शिकायत के अनुसार जब मजिस्ट्रेट अपने चैम्बर में गए तो आरोपी राकेश सचान के वकील ने कोर्ट के फैसले को पढ़ने के लिए केस की फ़ाइल मांगी. इसी बीच राकेश सचान केस की फ़ाइल लेकर भाग गए. शिकायत दर्ज होने के बावजूद पुलिस जांच के नाम पर आरोपी मंत्री के खिलाफ कार्रवाई करने से बच रही है.
जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अभी तक केस दर्ज नहीं किया है. पुलिस का कहना है कि कोर्ट परिसर के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जाएंगे. ये देखने के लिए कि सुनवाई के वक्त मंत्री मौजूद थे या नहीं? और कौन-कौन लोग मौजूद थे? कोर्ट के कौन-कौन से कर्मचारी थे? ये सब जांचा जाएगा. जांच पुलिस कोतवाली एसीपी अशोक कुमार सिंह(ACP Kotwali Ashok Kumar Singh) कर रहे हैं.
खबरों की माने तो कोर्ट के रीडर केस दर्ज करने के लिए अर्जी दी गई है जिसपर अभी तक कार्रवाई नहीं कि गई है. ऐसे में पुलिस जांच कर कोर्ट की फ़ाइल को कोर्ट के सामने रखने की बात कर रही है. ताजा खबरों के मुताबिक अदालत ने यूपी सरकार के MSME मंत्री राकेश सचान (Rakesh Sachan) को 31 साल पुराने आर्म्स एक्ट के एक मामले में एक साल की सजा सुनाई है. सजा के अलावा राकेश सचान पर 1500 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है.