'मदरसों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा आतंकवाद का पाठ', उदयपुर हत्याकांड पर बोले राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

नई दिल्ली – उदयपुर में टेलर कन्हैया लाल की हत्या के बाद से देशभर में कट्टरपंथियों के प्रति गुस्से का माहौल है. वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान (kerala governor arif mohammad khan) ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि देश के मदरसे नफरत की जड़ हैं. उन्होंने कहा कि मदरसों में बच्चों को आतंकवाद का पाठ पढ़ाया जाता है.
उदयपुर की घटना पर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने मदरसों में दी जा रही शिक्षा पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वो 2008 में ही देवबंद को पत्र लिख चुके हैं लेकिन उनको आज तक उसका जवाब नहीं आया. उन्होंने एक पाकिस्तानी स्कॉलर का हवाला देते हुए बताया कि मदरसों में दी जा रही शिक्षा कैसे खतरनाक है.
एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी स्कॉलर को भी अपना देश छोड़ना पड़ा क्योंकि मदरसों की शिक्षा पर सवाल उनकी ओर से उठाए गए. दुबई, फिर मलेशिया गए उनकी जान को खतरा है. राज्यपाल ने कहा कि मदरसों में ईशनिंदा करने वालों का सिर कलम करने की बात सिखाई जाती है.
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि मासूम बच्चों को ही यह ट्रेनिंग दी जा रही है कि कोई विरोध में बोले तो उसका सिर काट दो. यह कानून कुरान से नहीं आया है. यह कानून कुछ लोगों ने शहंशाहों के जमाने में बनाए. अब यही कानून बच्चों को सिखाया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि मौलाना और मदरसे मुसलमानों के एक तबके को कट्टर बना रहे हैं.
राज्यपाल ने कहा कि 14 वर्ष तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार है, उन्हें आप शिक्षा से वंचित नहीं रख सकते लेकिन स्पेशलाइज्ड तरीके की शिक्षा नहीं दे सकते. उन्होंने कहा कि मौलाना और मदरसे मुसलमानों के एक तबके को कट्टर बना रहे हैं. वे गैर-मुसलमानों के खिलाफ भड़काते हैं, जिससे नफरत पैदा होती है. दूसरे धर्मों के प्रति नफरत का भी यही कारण है.
पाकिस्तानी स्कॉलर का हवाला देकर राज्यपाल ने बताया कि तीन-चार चीजें है जो मदरसों में हर जगह पढ़ाई जाती हैं. पहली चीज दुनिया में कहीं भी कुफ्र होगा तो ऐसे शख्स को सजा देने का अधिकार है, दूसरी बात यह पढ़ाई जाती है कि गैर मुस्लिम इसलिए पैदा हुए हैं कि मुसलमान उन पर शासन कर सकें. तीसरी बात जो हमारी मर्जी से हुकूमत नहीं और उसका शासन है तो जल्द से जल्द पलटना चाहिए.
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हम क्या कर रहे हैं 5,6,7 साल के बच्चों के दिमाग में मदरसों में ऐसी बात भर रहे हैं. मदरसे से निकले बच्चे जब बड़े होते हैं तो उनके जेहन में दूसरे धर्म और उनको मानने वालों के प्रति संदेह भरा होता है. इस पर तत्काल रोक लगाने की आवश्यकता है.