पलवल में हिंसा के बाद हरियाणा सरकार बंद की इन्टरनेट सेवा, जानिए पलवल के ताजा हालत

पलवल: अग्निपथ योजना के ख़िलाफ़ आज देशभर में युवा सड़कों पर उतरे। हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, बिहार व उत्तराखंड में युवाओं ने हाइवे व रेल ट्रैक जामकर कर अपना विरोध प्रदर्शन दर्ज़ किया। इसी कड़ी में हरियाणा के पलवल में विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। जिसके चलते युवाओं ने डीसी आवास में जमकर पथराव व नारेबाजी की। जिसमें पुलिस के जवान घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि भीड़ को नियंत्रण करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज व फायरिंग का इस्तेमाल करना पड़ा।
वीरवार देर शाम को हरियाणा गृह विभाग ने कानून व्यवस्था को बरकरार रखने व किसी भी तरह की अफवाह को फैलने से रोकने के लिए पलवल जिले में मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस, डोंगल की सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद रखने का फैसला लिया है। यह आदेश अगले 24 घंटे तक लागू रहेंगे। जिला में बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज सुविधा जारी रहेगी।
हरियाणा सरकार ने तुरंत प्रभाव से जिला पलवल के क्षेत्रीय अधिकार क्षेत्र में वायस काल(Voice Call) को छोड़कर इंटरनेट सेवाओं (2जी/3जी/4जी/सीडीएमए/जीपीआरएस), सभी एसएमएस सेवाओं(SMS Facilities), जिसमें बल्क एसएसएम(Bulk SMS) भी शामिल है (बैंकिंग और मोबाइल रिचार्ज को छोड़कर) तथा मोबाइल नेटवर्क(Mobile Internet) पर दी जाने वाली सभी डोंगल सेवाओं(Doungal Services) आदि को 16 जून, 2022 (शाम 4:00 बजे से) अगले 24 घंटों के लिए अस्थाई रूप से बंद करने के आदेश जारी किए हैं।
यह आदेश दूरसंचार सेवाओं का अस्थायी निलंबन (सार्वजनिक आपातकाल या सार्वजनिक सुरक्षा) नियम, 2017 के नियम (2) के साथ पठित भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम, 1885 की धारा 5 के तहत जारी किए गए हैं। इस संबंध में सरकारी प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि नई सेना भर्ती नीति के कारण संभावित कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए जिला पलवल में प्रदर्शनकारियों, आंदोलनकारियों, उपद्रवियों और असामाजिक तत्वों द्वारा क्षेत्र में तनाव, नाराज़गी या व्यक्तियों को चोट, जान व संपत्ति के लिए खतरा और सार्वजनिक शांति भंग होने की संभावना है।
इसे देखते हुए एसएमएस और विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों जैसे व्हाट्सएप, फेसबुक ट्विटर आदि के माध्यम से दुष्प्रचार और अफवाहों के प्रसार को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं को अगले 24 घंटे के लिए बंद करने का निर्णय लिया है। इस प्रकार के दुष्प्रचार और अफवाहें आंदोलनकारियों तथा प्रदर्शनकारियों की भीड़ बढ़ाने और उनकी लामबंदी का काम करती हैं, जो आगजनी या तोड़फोड़ और अन्य प्रकार की हिंसक गतिविधियों में शामिल होकर जान की गंभीर हानि और सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।