हिजाब प्रतिबंध मामले में कर्नाटक सरकार को नोटिस

सुप्रीम कोर्ट पांच सितंबर को करेगा अगली सुनवाई
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इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता।
याचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जो स्कूलों और कॉलेजों में ड्रेस के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश देता है।

नई दिल्ली- कर्नाटक में हिजाब विवाद उस समय शुरू हुआ था, जब उडुपी के एक सरकारी स्कूल में कुछ छात्राओं को हिजाब पहनकर कक्षा में जाने पर रोक लगा दी गई थी। शीर्ष कोर्ट हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुनवाई कर रहा था। हिजाब प्रतिबंध मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले में शीर्ष अदालत अब पांच सितंबर को सुनवाई करेगी। 

 

 

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जय श्री राम के नारे लगाती भीड़ के सामने 19 साल की मुस्कान खान ने अल्लाह हू अकबर के नारे लगाए थे। इसे लेकर देश के कई हिस्सों में काफी प्रदर्शन हुए थे।इसके बाद मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट ने फैसला दिया था कि हिजाब इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग नहीं है, इसलिए राज्य सरकार को इसे स्कूलों के अंदर यूनिफॉर्म का हिस्सा बनाने का निर्देश नहीं दिया जा सकता। इसी दौरान आठ फरवरी को मांड्या में पीईएस कॉलेज के अंदर भगवा शॉल पहने लड़कों ने जयश्री राम के नारे लगाए। जिसके बाद विवाद और बढ़ गया। 

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सुप्रीमों कोर्ट में अपीलों में एक में 'सरकारी अधिकारियों पर सौतेले व्यवहार का भी आरोप लगाया गयाछात्रों को अपने  विश्वास का अभ्यास करने से रोका गया है और इसके परिणाम स्वरूप अवांछित कानून और व्यवस्था की स्थिति पैदा हुई है। बता दें कि विभिन्नयाचिकाकर्ताओं ने कर्नाटक हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है, जो स्कूलों और कॉलेजों में ड्रेस के नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्देश देता है। 
 

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