काली पोस्टर विवाद - मिर्ची बाबा ने कहा 'फ़िल्म निर्माता का सिर काट देना चाहिए'

फिल्म निर्माताओं का सिर काटकर लाने वाले को वो 20 लाख रुपये का ईनाम देने की बात कही
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kaali
डॉक्यूमेंट्री फिल्म काली का पोस्टर 2 जुलाई को रिलीज हुआ था और इसे कनाडा के टोरंटो में अगा खान म्यूजियम में आयोजित एक 'अंडर द टेंट प्रोजेक्ट' के तहत प्रदर्शित किया गया था.

लखनऊ - जब से डॉक्यूमेंट्री फिल्म 'काली' का पोस्टर रिलीज हुआ है तब से इसको लेकर विवाद (Kaali Poster Controversy) बढ़ता ही जा रहा है. एक ओर जहां सोशल मीडिया पर लोग इसका जम कर विरोध कर रहे थे तो सब धरातल पर भी इसको लेकर विवादित बयानबाजी शुरू हो गई है. इसी कड़ी में अयोध्या के हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास (Mahant Raju Das) के विवादित बयान के बाद हिंदू धर्मगुरु मिर्ची बाबा ने एक विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हिंदू देवी-देवताओं का अपमान करने वाले फिल्म निर्माताओं के सिर काट देने चाहिए. 

डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म 'काली' के पोस्टर (Kaali Film Poster) में देवी काली के हाथ में सिगरेट और LGBT का प्राइड फ्लैग दिखाया गया है. इसी को लेकर हिंदू धर्म को मानने लोगों और साधु-संतों में गहरा आक्रोश है. इसी बीच उत्तर प्रदेश के हरिद्वार में श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद गिरी महाराज ने घोषणा की कि हिंदू देवी देवताओं का अपमान करने वाले फिल्म निर्माताओं का सिर काटकर लाने वाले को वो 20 लाख रुपये का ईनाम देंगे. 

बता दें कि महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद को मिर्ची बाबा के नाम से भी जाना जाता है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने कहा,"काली मां के फोटो को जो आज बनाया गया है, जिसमें मां को कुछ अपमानित किया या है. मैं बस इतनी चुनौती देना चाहता हूं निरंजिनी अखाड़े का महंत होने के नाते कि आज जो ऐसी पिक्चरें बनाई जा रही हैं. ये पिक्चर (काली) बनाई गई है. एक सीरीज बनाई गई है आश्रम, इसमें हमारे धर्म का कुठाराघात किया जा रहा है. हिंदू धर्म के कुठाराघात को मैं बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करूंगा."

मिर्ची बाबा ने कहा,"मैं आज भारतवर्ष में एक घोषणा करता हूं कि ऐसी पिक्चर बनाने वालों का सिर काट कर कोई लाता है तो 20 लाख रुपये मैं अपने आश्रम की तरफ से दूंगा, क्योंकि ये राक्षित बिना सिर काटे मानेंगे नहीं. इन राक्षितों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बहुत बड़ी साजिश के तहत हमारे धर्म को कुटाराघात किया जा रहा है. इसलिए इनका सिर काटकर कोई भी लाता है तो मैं पंचायती निरंजिनी अखाड़े का महामंडलेश्वर, 20 लाख रुपये दूंगा. इनके सिर काटने पड़ेंगे, ये राक्षित हैं."

महामंडलेश्वर स्वामी वैराज्ञानंद ने मीडिया को कहा कि इस मामले में कानूनी कार्रवाई की तो जा रही है, लेकिन वो पपर्याप्त नहीं है. उन्होंने कहा कि सभी जगह आवेदन दिए जा रहे हैं. लेकिन कानून पूरी ताकत से काम कहां कर रहा है. कानून को पूरी ताकत से काम करना चाहिए और इन्हें सजा देनी चाहिए. अगर सजा नहीं देते हैं तो मैं फिर कह रहा हूं कि इनका सिर काटकर लाने वाले को 20 लाख रुपये मैं दूंगा. अपने आश्रम की पूरी संपति दे दूंगा.

बता दें कि इससे पहले अयोध्या में स्थित हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने भी एक विवादित बयान दिया था. जिसमें उन्होंने कहा काली डॉक्यूमेंट्री फ़िल्म की निर्माता लीना को कहा था कि 'क्या इच्छा है? तुम्हारा भी सिर तन से जुदा हो जाए!

ग़ौरतलब है कि ये पोस्टर फिल्ममेकर लीना मणिमेकलाई की परफॉर्मेंस डाक्यूमेंट्री(Performance Documentary) 'काली' का है. विवाद के बाद लोग सोशल मीडिया पर फिल्ममेकर लीना का जमकर विरोध कर रहे हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. ये पोस्टर 2 जुलाई को रिलीज हुआ था और इसे कनाडा के टोरंटो में अगा खान म्यूजियम में आयोजित एक 'अंडर द टेंट प्रोजेक्ट(Under the tent)' के तहत प्रदर्शित किया गया था. जिसके बाद ट्विटरपर #ArrestLeenaManimekalai ट्रेंड करने लगा. विवाद ज्यादा बढ़ने पर कनाडा में भारतीय दूतावास ने भी आपत्ति दर्ज कराई. भारत में इस फिल्म पर रोक लगाने की मांग की जा रही है.

बता दें कि लीना फ़िलहाल कनाडा में अपनी पढ़ाई पूरी कर रही हैं. उन्होंने मीडिया से बातचीत में बताया कि देवी के जिस रूप को वो अपनी फ़िल्म में दिखा रही हैं वो "मानवता का स्वरूप हैं और विविधता का सम्मान करने वाली हैं." वो कहती हैं कि "एक कवयित्री और फ़िल्ममेकर(Poetess & Filmmaker)
के तौर पर मैं अपने स्वतंत्र रूप में काली को देखती हूं"

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