ईडी ने किया खुलासा, कोयला कारोबार में काली कमाई को सफेद करते थे पार्थ और अर्पिता

ईडी के अधिकारियों को शेल कंपनी की जांच करते हुए मिली जानकारी, तार कोयला तस्करी से जुड़े अर्पिता और पार्थ
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ईडी की छापामारी में बरामद कैश और पार्थ चटर्जी के साथ अर्पिता मुखर्जी।
लॉकडॉन में भी कंपनी का 3 करोड़ रूपए तक का कारोबार, देख कर ईडी हुआ हैरान, कहा हो सकता है इसमें कोयला कारोबार भी शामिल 

 वेस्ट बंगाल - शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हुए पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी एवं उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के जुड़ी कुछ और जानकारी ईडी को हांसिल हुई हैं। हाल ही में  ईडी के अधिकारियों को शेल कंपनी की जांच से कई नई जानकारी मिली जिसमें मालूम हुआ कि तार कोयला तस्करी से जुड़ रहे हैं शिक्षक भर्ती घोटाले में गिरफ्तार हुए पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी एवं उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी।

अनंत टेक्स फैब प्राइवेट लिमिटेड कंपनी जिसमें 100 प्रतिशत शेयरधारक है अर्पिता मुखर्जी। यह जानकारी ईडी के अधिकारियों को शेल कंपनी की जांच से मिली है। शेल कंपनी का कारोबार सिर्फ कागजों पर चलता है। जांच एजेंसी ने कोर्ट में‘अनंत टेक्स फैब प्राइवेट लिमिटेड’ नाम की कंपनी के बारे में बताया हुआ है। मिले हुए दस्तावेजों के अनुसार इस कंपनी के दो निदेशक मृण्मय मालाकार और रनेश कुमार सिंह है।

ईडी के अधिकारी कंपनी की बैलेंस शीट देख कर चौके उन्होंने बताया की लाॅकडाउन के समय भी कंपनी का कारोबार 3 करोड़ रुपये तक का होता था। यह कंपनी 2012 से घाटे में चल रही है, लेकीन लाॅकडाउन में भी कंपनी इतनी कमाई कैसे कर रही थी, कंपनी घाटे की भरपाई कैसे कर रही है, इसकी बैलेंस शीट में कोई जानकारी नहीं  मिली है। साथ हि कहां कि हो सकता है इसमें कोयला कारोबार भी शामिल हो।

निदेशक होने से किया इंकार

उनका इस बात से साफ इंकार करना है उन्होंने बताया कि वो ऐसी किसी कंपनी के निदेशक नहीं हैं, पर ईडी के अधिकारियों का कहना है के उन्हें अनंत टेक्स फैब कंपनी के बैलेंस शीट, अलग अलग एजीएम और अन्य दस्तावेजों में भी मृण्मय मालाकार के हस्ताक्षर मिले है। मृण्मय मृण्मय ने बताया है कि उनके कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने उनसे उन कागजो पर सिग्नेचर करने के लिए कहा था तो  मालाकार मृण्मय ने हस्ताक्षर किए थे।

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