Rajasthan - आरोपी टीचर के समुदाय के लोगों ने पीड़ित परिवार पर पैसा लेकर चुप रहने का दबाव बनाया था

आरोपी टीचर ने पीड़ित परिवार पर पैसे लेकर अपना मुंह बंद रखने का दबाव बनाया था
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कुछ दिनों बाद दो हिस्सों में छैल सिंह ने पीड़ित परिवार को डेढ़ लाख रुपए दे दिए थे. पहले परिवार ने केमिस्ट की दुकान से दवाई लाकर इंद्र को दी. लेकिन उससे आराम नहीं मिला. इसके बाद उसे उदयपुर भर्ती कराया गया. कुछ दिन वहां इलाज चला. लेकिन डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए.

जालोर - हाल ही में राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड(Kanhaiya Lal Murder Case) के बाद अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर खूब दबाव बना था. लेकिन मामले में सरकार ने फुर्ती दिखाते हुए मामले को संभाला. लेकिन एक अन्य मामले में अब सरकार के रवैया पर सवाल उठ रहे हैं.

अब जालोर जिले के सायला थाना क्षेत्र के सुराणा गांव में प्राइवेट स्कूल में 9 साल के दलित बच्चे की मौत के बाद फिर से सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. प्रदेश के दलित समुदाय में भारी आक्रोश है. देशभर में मृतक बच्चे इंद्र मेघवाल को इंसाफ दिलाने के लिए मुहिम छेड़ी गई है. बीते कल ट्विटर पर यह मामला ट्रेंड कर रहा था और सीएम अशोक गहलोत के इस्तीफे को लेकर हैशटैग चलाया गया जिसको लेकर लाखों लोगों ने ट्वीट किए.

लेकिन अब इस मामले में एक नई बात सामने आई है. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आरोपी टीचर ने पीड़ित परिवार पर पैसे लेकर अपना मुंह बंद रखने का दबाव बनाया था. बताया जा रहा है कि आरोपी टीचर राजपूत समुदाय से ताल्लुक रखता है. जिसके समुदाय के लोगों ने भी पीड़ित परिवार पर पैसे लेकर मामले को रफा दफा करने का दबाव बनाया था. जिसके बाद पीड़ित परिवार चुप भी हो गया था. 

मृतक बच्चे इंद्र मेघवाल के चाचा ने मीडिया को बताया," कुछ दिन पहले राजपूत देवासी और मेघवाल समुदाय की करीब 40 लोग शेर सिंह के स्कूल में जमा हुए थे. क्योंकि हमारे बच्चे से स्कूल में पढ़ते हैं इसलिए सब ने मिलकर यह तय किया कि कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई जाएगी. छैल सिंह ने खुद भी माना कि उसने जो किया है वो गलत है और उसने हमें डेढ़ लाख रुपए देने के लिए भी कहा. इसके साथ ही यह भी कहा कि वह इंद्र के इलाज के लिए 1 लाख रुपये अलग से देगा."

इंद्र के चाचा किशोर मेघवाल के मुताबिक," कुछ दिनों बाद दो हिस्सों में छैल सिंह ने पीड़ित परिवार को डेढ़ लाख रुपए दे दिए थे. पहले परिवार ने केमिस्ट की दुकान से दवाई लाकर इंद्र को दी. लेकिन उससे आराम नहीं मिला. इसके बाद उसे उदयपुर भर्ती कराया गया. कुछ दिन वहां इलाज चला. लेकिन डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए. इसके बाद उसे गुजरात के मेहसाणा ले जाया गया और आखिर में 13 अगस्त की सुबह उसे अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल में भर्ती किया गया. जहां उसकी मौत हो गई. इसके बाद छैल सिंह के खिलाफ IPC की धारा 302(Murder) और एससी/एसटी एक्ट, 1989 के तहत मामला दर्ज किया गया."

वहीं इंद्र की मौत पर अहमदाबाद अस्पताल प्रशासन का कहना है कि उसे 13 अगस्त की सुबह भर्ती कराया गया था और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन ने कहा," शनिवार को पोस्टमार्टम पूरा कर लिया गया और इंद्र का विसरा जांच के लिए भेज दिया गया है. मौत की असल वजह क्या है यह रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा.

रिपोर्ट के मुताबिक 14 अगस्त को बच्चे का शव गांव पहुंचा. इस दौरान उसके परिजन मांगे ना पूरी होने तक अंतिम संस्कार ना करने की बात पर अड़े रहे. दरअसल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीड़ित परिवार के लिए 5 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की थी. लेकिन परिजनों ने 50 लाख रुपये का मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की. इस बीच प्रशासन और परिजनों के बीच कई बार बातचीत हुई.

बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के ऊपर पत्थर फेंके. जिसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज किया. इस लाठीचार्ज में मृतक इंदर मेघवाल के पिता को चोट भी आई पुलिस ने भीम आर्मी के 10 लोगों को हिरासत में ले लिया शाम को मुआवजे पर सहमति बनने के बाद बच्चे इंदर मेघवाल का अंतिम संस्कार किया गया

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