नशीले पदार्थों की तस्करी में हिमाचल प्रदेश में शिमला सबसे आगे

नशे के खिलाफ लड़ने के लिए एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन, 2021 में एनडीपीएस एक्ट में शिमला में 231 मामले दर्ज

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नशीले पदार्थों की तस्करी में हिमाचल प्रदेश में शिमला सबसे आगे
प्रदेश में नशे के खिलाफ लड़ने के लिए शीघ्र ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद सीआईडी मुख्यालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करके प्रदेश सरकार को भेज दिया है।  

शिमला- हिमाचल प्रदेश के राज्य शिमला के एडीजी सीआईडी एसपी सिंह ने सीआईडी मुख्यालय में प्रेस वार्ता में की। इस प्रेस वार्ता इन्होंने खुलासा किया की नशीले पदार्थों की तस्करी में हिमाचल प्रदेश में शिमला जिला सबसे आगे है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नशे के खिलाफ लड़ने के लिए शीघ्र ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन होगा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की घोषणा के बाद सीआईडी मुख्यालय ने इस संबंध में एक प्रस्ताव तैयार करके प्रदेश सरकार को भेज दिया है।

नशीले पदार्थों की तस्करी में हिमाचल प्रदेश में शिमला सबसे आगे
 

एसपी सिंह ने आंकड़े सामने रखते हुए कहा कि वर्ष 2021 में एनडीपीएस एक्ट में जिला शिमला में 231, कुल्लू में 206, कांगड़ा में 194, मंडी में 185, बिलासपुर में 156, ऊना में 118, सोलन में 108, चंबा में 87, सिरमौर में 85, हमीरपुर में 63, किन्नौर में 35, बद्दी में 65 और लाहौल स्पीति में दो मामले दर्ज किए गए हैं। एडीजी एसपी सिंह ने कहा कि सीआईडी के स्टेट नारकोटिक्स क्राइम कंट्रोल यूनिट को भी टास्क फोर्स में शामिल करेंगे।


अभी इसके कुछ फील्ड यूनिट भी कुल्लू, कांगड़ा और शिमला में हैं। मंडी, ऊना और बद्दी में भी यूनिट स्थापित करना प्रस्तावित हैं। टास्क फोर्स मजबूत करने के लिए तकनीकी और प्रशिक्षण समन्वय यूनिट स्थापित किए जाने हैं। केंद्र सरकार का भी एक सुझाव था कि सभी राज्यों में टास्क फोर्स बने। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि प्रदेश में एक ऐसी एजेंसी हो, जो अन्य एजेंसियों से समन्वय करे।

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हिमाचल में नशा तस्करों की 12.48 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। कुल्लू जिले में 15 संपत्तियां अटैच की गई हैं। कांगड़ा में तीन, बिलासपुर में तीन, शिमला में एक और ऊना में दो संपत्तियां अटैच की हैं। यह संपत्तियां नशा कारोबार से जुड़े लोगों की हैं।हिमाचल में नशा तस्करों की 12.48 करोड़ की संपत्ति अटैच की गई है। कुल्लू जिले में 15 संपत्तियां अटैच की गई हैं। कांगड़ा में तीन, बिलासपुर में तीन, शिमला में एक और ऊना में दो संपत्तियां अटैच की हैं। यह संपत्तियां नशा कारोबार से जुड़े लोगों की हैं।

नशीले पदार्थों की तस्करी में हिमाचल प्रदेश में शिमला सबसे आगे

मुख्यमंत्री ने एडीजी सीआईडी की अध्यक्षता में इसके टास्क फोर्स की बात कही है। प्रदेश में अभी भी कई एजेंसियों के साथ संगठन नशे के खिलाफ  काम कर रहे हैं। यह टास्क फोर्स आयकर विभाग, आबकारी एवं कराधान, राजस्व विभाग, वन विभाग, स्टेट ड्रग कंट्रोलर, ग्रामीण एवं शहरी विकास विभाग, युवा सेवाएं एवं खेल विभाग, नशा निवारण बोर्ड और स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ समन्वय स्थापित कर नशे के खिलाफ लड़ेंगे। 

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एसपी सिंह ने कहा है कि 30 और 31 जुलाई को केंद्रीय गह़ मंत्री अमित शाह चंडीगढ़ में उत्तरी राज्यों के सम्मेलन में भाग लेने आ रहे हैं। केंद्र सरकार के अधीन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो सभी एजेंसियों से समन्वय करता है। एक समन्वय सचिवालय पंचकूला में बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश में विदेशी भी नशा तस्करी में शामिल हैं। वर्ष 2017 में 15, 2018 में आठ, 2019 में 16, 2020 में 13 और 2021 मेें 15 विदेशी पुरुषों को गिरफ्तार किया गया। इसी तरह से महिलाओं की बात करें तो वर्ष 2017 में एक, 2018 में दो, 2020 और 2021 में एक-एक विदेशी महिला को पकड़ा गया। 


 

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