सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में पुलिस के हाथ लगा बड़ा सुराग, अब हत्यारों की खैर नहीं

पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में लगातार नए-नए खुलासे हो रहे हैं। अब हत्या में इस्तेमाल कोरोला कार को लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है।

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मूसेवाला हत्या में बड़ा अपडेट
मन्ना और भाऊ फ़रीदकोट के गांव डपई के रहने वाले हैं। मनप्रीत भाऊ पर क़रीब 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। तो वहीं भाऊ के मां-बाप का कहना है कि मन्ना की कोरोला कार कुछ महीने पहले ख़राब हालत में उनके घर खड़ी थी। मरम्मत होने पर मन्ना का परिवार कार को वापस ले गया था। उनका बेटा अपने जुड़वा भाई हरप्रीत सिंह के साथ हेमकुंड साहिब यात्रा पर गया था वापसी में पुलिस ने उनको उत्तराखंड में पकड़ लिया।

पंजाब- पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या मामले में हर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। फिलहाल मूसेवाला की हत्या के लिए जिस कार का इस्तेमाल किया गया था उसे लेकर बड़ा अपडेट सामने आया है। पुलिस के मुताबिक मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हुई कोरोला कार फ़िरोज़पुर जेल में बंद गैंगस्टर मनप्रीत मन्ना की थी। ये खुलासा देहरादून से गिरफ़्तार मनप्रीत भाऊ के मां-बाप ने किया है।

हालांकि मनप्रीत भाऊ के भाई हरप्रीत सिंह और ड्राइवर को पुलिस ने छोड़ दिया है। लेकिन भाऊ को मूसेवाला के क़ातिलों को कार सप्लाई करने के शक में गिरफ़्तार किया गया है। मन्ना को भी प्रोडकशन वारंट पर जेल से लाया गया है ताकि सिद्धू मूसेवाला पर गोलियां बरसाने वाले शूटरों का सुराग लगाया जा सके। वहीं परिवार भाऊ को बेवजह फंसाने का आरोप लगा रहा है।

बता दें कि मन्ना और भाऊ फ़रीदकोट के गांव डपई के रहने वाले हैं। मनप्रीत भाऊ पर क़रीब 10 आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाऊ के माता पिता का कहना है कि मन्ना की कोरोला कार कुछ महीने पहले ख़राब हालत में उनके घर खड़ी थी। मरम्मत होने पर मन्ना का परिवार कार को वापस ले गया था। उनका बेटा अपने जुड़वा भाई हरप्रीत सिंह के साथ हेमकुंड साहिब यात्रा पर गया था वापसी में पुलिस ने उनको उत्तराखंड में पकड़ लिया।

गौरतलब है कि सिद्धू मूसेवाला की रविवार को पंजाब के मानसा जिले में अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। हमले के वक्त वो महिंद्रा थार जीप से अपनी मौसी के घर जा रहे थे। इससे पहले पंजाब सरकार ने शनिवार को 424 लोगों की सुरक्षा घटा दी थी। उन लोगों में मूसेवाला भी शामिल थे। मूसेवाला की सुरक्षा में शुरुआत में पंजाब पुलिस के चार कमांडो तैनात थे हालांकि, बाद में सुरक्षा घेरे में कटौती करते हुए दो कमांडो को हटा लिया गया था। वहीं सुरक्षा कम करने के एक दिन बाद ही मूसेवाला की हत्या कर दी गई थी। जिसको लेकर पुलिस लगातार हत्यारों को पकड़ने में जुटी हुई है।

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