आइये जानते हैं कि कोरोना महामारी में प्रचलित हुई ज़ूम(ऑनलाइन मीटिंग) में लोगों ने क्या-क्या चालाकियां की

लाइफस्टाइल: एक दौर था जब हम ऑफिस जाया करते थे, फॉर्मल कपड़े पहनकर, टिफ़िन पैक कर सारा दिन बॉस की नज़रों के नीचे काम करते थे, ऐसे ही पढ़ाई होती थी, स्कूल की यूनिफॉर्म, ढेर सारी कॉपी व किताबों से लदा बैग, स्कूल जाकर बोर्ड्स पर पढ़ाई, स्कूल जाकर एग्जाम देना यानी सब कुछ फिक्स जोकि हम बचपन से देखते आ रहे थे फिर एंट्री होती है चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया मे अपना डंका बजाने वाले कोरोना वायरस की, जिसको हम नंगी आंखों से नही देख सकते लेकिन इसने पूरी दुनिया को दहला दिया। सभी देशों के गोला-बारूद, मिसाइल, तोप यहां तक कि न्यूक्लियर हथियार भी धरे के धरे रह गए और सब बेबस नज़र आए।
जब तक वैज्ञानिकों को कुछ समझ आता तब तक हज़ारों जाने चली गयी। शोध करने पर पता चला कि ये सांस के जरिये या संक्रमित को छूने भर से फ़ैल रहा है तो इसने इंसान को इंसान से जुदा कर दिया। सभी मुंह पर मास्क लगाए फिरने लगे, हाथों को बार-बार धोने की हिदायतें दी गयी और फिर समय आया लॉकडाउन का यानी सब कुछ बंद कर दीजिए ताकि संक्रमण को रोका जा सके। दुनिया माने थम गई हो, लोगों से खचा-खच भरे बाज़ार, मॉल, सिनेमाघर, मेट्रो स्टेशन, स्कूल, कॉलेज, दफ़्तर, फैक्ट्री, यूनिवर्सिटी सब बंद, सड़कें सुनसान हो गयीं। सिर्फ़ जरूरत की चीज़ों की आवाजाही की अनुमति दी गई।
ऐसे में फिर एक सवाल पैदा हुआ कि ये सब कब तक चलेगा हम सब ऐसे हाथ पर हाथ रख कर नही बैठ सकते, फिर बारी आई डिजिटल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल करने की यानी घर बैठकर मीटिंग, पढ़ाई काम करना। ऑनलाइन मीटिंग, ऑनलाइन पढ़ाई और घर से ही काम यानी 'वर्क फ्रॉम होम'। इसमें सबसे ज़्यादा प्रचलित हुआ 'ज़ूम एप्प' जिसका इस्तेमाल ऑनलाइन क्लास से लेकर कांग्रेस पार्टी की महत्वपूर्ण बैठके करने में भी हुआ। इससे धीरे-धीरे चीजें सुधरने लगी लेकिन इसमें में भी एक झोल था कि घर बैठकर हम कैसे ऑफिस के लोगों को पार्टी के सीनियर नेताओं को या टीचर्स को कैसे दिखाए की हम अनुशासित हैं। लोंगो ने इसे भी सिख ही लिया। आइये जानते हैं एक्सएमएल के मीडिया सर्वे में लोगों ने बताया कि जूम कॉल के दौरान उन्होंने क्या-क्या नुस्ख़े अपनाए जिससे वो व्यस्त, अनुशासित नज़र आएं।
मीटिंग के दौरान रौब दिखाने के लिए।
सर्वे में दो-तिहाई लोग कहते हैं कि वीडियो कॉल के दौरान वे अपने कंप्यूटर का कैमरा ऐसे ऐंगल पर रखते हैं जिससे वे ज्यादा रौबदार नजर आएं।
सेहत में प्रति जागरूक दिखने के लिए।
लगभग एक चौथाई लोगों ने कहा कि उन्होंने जानबूझ कर एक्सरसाइज करते हुए जूम मीटिंग में हिस्सा लिया ताकि वे अनुशासित और सेहत के लिए जागरूक दिखें।
ऊपर फॉर्मल, नीचे कुछ भी।
अब ऑनलाइन मीटिंग में तो सिर्फ़ आपका चेहरा, शर्ट और टाइ ही दिखती है तो क्यों न 'जस्ट चिल'। किया जाए। 82 फीसदी लोगों ने कहा कि वे ज्यादा फॉर्मल नजर आने के लिए शरीर के ऊपरी हिस्से पर फॉर्मल कपड़े पहनकर जूम मीटिंग में आए, जबकि नीचे उन्होंने आम घरेलू कपड़े पहने थे।
लोगों को इंप्रेस करने के लिए अच्छा बैकग्राउंड।
आपने ज्यादातर मीटिंग्स में देखा होगा कि पीछे के बैकग्राउंड में ढेर सारी किताबें बुक शेल्व में सजाई होती हैं माने ये शख्स ख़ूब पढ़ता लिखता हो। लेकिन 86 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे बहुत सोच-समझकर अपनी बैकग्राउंड चुनते हैं ताकि अच्छा प्रभाव पड़े।
अट्रैक्टिव दिखना चाहिए।
लगभग 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जूम मीटिंग के दौरान वे सिर्फ इसलिए कुछ बोलते हैं ताकि लगे कि वे ध्यान दे रहे हैं।
काम के प्रति डेडिकेटेड दिखना चाहिए।
एक तिहाई लोगों ने कहा कि वे ठीक होने के बावजूद जूम मीटिंग में यह कहते हुए शामिल हुए कि उनकी तबीयत खराब है, ताकि लगे कि वे काम को लेकर कितने डेडिकेटेड हैं।
हम बहुत बिजी हैं।
56 फीसदी लोगों ने कहा कि जूम मीटिंग के दौरान वे दूसरी झूठी मीटिंग में जाने का बहाना करते हैं ताकि लोगों को लगे कि वे काफी बिजी हैं।