ITR भरते समय इन 8 बातों का रखें ध्यान, नहीं तो मिल सकता है नोटिस

31 जुलाई तक फाइल कर दें इनकम टैक्स रिटर्न, नहीं तो देनी पड़ेगी पांच हजार लेट फीस 
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आयकर रिटर्न भरने की शुरूआत हो चुकी है। यदि आप भी करदाता हैं और अब तक रिटर्न नहीं दाखिल किया है तो 31 जुलाई तक हर हाल में कर दें। इसके बाद 5 हजार रुपए लेट फीस के रूप में जमा करना पड़ सकते हैं। ऐसे करदाता जिनका ऑडिट होना है, उन्हें छोडकऱ बाकी करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न की आखिरी तारीख 31 जुलाई है। वहीं जैसे-जैसे आखिरी तारीख पासआ रही है। वैसे-वैसे आयकर विभाग के पोर्टल पर भी लोड बढ़ रहा है। 
नई दिल्ली -  वित्त वर्ष 2021-2022 के लिए 31 जुलाई तक इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरना है। ऐसे में अगर आपने अब तक ITR फाइल नहीं किया है तो जल्द से जल्द कर दें। एक्सपर्ट्स के अनुसार ITR भरते समय आपको कुछ जरूरी सावधानी रखनी चाहिए। क्योंकि गलती होने पर आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हम आज आपको ऐसे ही 8 बातों के बारे में बता रहे हैं जिनका ध्यान आपको रखना चाहिए। आयकर विभाग ने कई ITR फॉर्म निर्धारित किए हैं। आपको अपनी आय के साधन के आधार पर सावधानी से अपना ITR फॉर्म चुनना होगा, वरना आयकर विभाग इसे रिजेक्ट कर देगा और आपको इनकम टैक्स के सेक्शन 139(5) के तहत  रिवाइज्ड रिटर्न दाखिल करने के लिए कहा जाएगा।

    आयकर रिटर्न भरने की शुरूआत हो चुकी है। यदि आप भी करदाता हैं और अब तक रिटर्न नहीं दाखिल किया है तो 31 जुलाई तक हर हाल में कर दें।

करदाताओं को इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के दो ऑप्शन मिलते हैं। 1 अप्रैल, 2020 को नया ऑप्शन दिया गया था। नए टैक्स स्लैब में 5 लाख रुपए से ज्यादा आय पर टैक्स की दरें तो कम रखी गईं, लेकिन डिडक्शन छीन लिए गए। वहीं अगर आप पुराना टैक्स स्लैब चुनते हैं तो आप कई तरह के टैक्स डिडक्शन का फायदा ले सकते हैं। बहुत से लोग अपने सभी बैंक खातों की जानकारी नहीं देते, जिनसे उन्होंने उस वित्तीय वर्ष में लेन देन किया है। ऐसा करना गलत है, क्योंकि आयकर विभाग ने अपने अधिनियम में साफ तौर पर कहा है कि टैक्सपेयर्स को अपने नाम पर पंजीकृत सभी बैंक खातों की जानकारी देना जरूरी है।

    आयकर रिटर्न भरने की शुरूआत हो चुकी है। यदि आप भी करदाता हैं और अब तक रिटर्न नहीं दाखिल किया है तो 31 जुलाई तक हर हाल में कर दें।

फॉर्म 26AS या टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट आपकी आय पर काटे गए TDS के भुगतान की सभी जानकारी दे देता है। अपना टैक्स रिफंड क्लेम करने से पहले इसे जरूर जांच लें। टैक्सपेयर को इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले Form 26AS और Form 16/16A से इनकम मिलाने के लिए कहा जाता है। यह टैक्स कैलकुलेशन में किसी भी तरह की गलती से आपको बचाएगा जिससे आप एक सही टैक्स रिटर्न फाइल कर पाएंगे। कई लोगों को लगता है कि टैक्स रिटर्न भरने के बाद उनका काम खत्म हो गया है लेकिन आपको टैक्स रिटर्न फाइल करने के बाद उसे वेरिफाई भी करना होता है। आप अपने इनकम टैक्स के ई-फाइलिंग पोर्टल से अपने टैक्स रिटर्न को ई-वेरिफाई कर सकते हैं या सीपीसी-बेंगलुरू भेज कर भी उसे वेरिफाई करा सकते हैं।

    आयकर रिटर्न भरने की शुरूआत हो चुकी है। यदि आप भी करदाता हैं और अब तक रिटर्न नहीं दाखिल किया है तो 31 जुलाई तक हर हाल में कर दें।

इनकम टैक्‍स के नियमों के तहत अगर आपको एक साल में 50 हजार रुपए से अधिक कीमत का गिफ्ट मिला है तो इस पर आपको टैक्‍स देना होगा। ऐसे में आपको इनकम टैक्‍स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्‍यान रखना होगा। इनकम टैक्स रिटर्न  करते समय हमेशा अपनी आय की सही जानकारी देनी चाहिए। अगर आप जानबूझकर या गलती से भी अपनी आय के सभी स्रोत नहीं बताते हैं तो आपको आयकर विभाग का नोटिस आ सकता है। बचत खाते के ब्याज और घर के रेंट से होने वाली आय जैसी जानकारियां भी देनी होती हैं। क्योंकि ये आय भी टैक्स के दायरे में आती हैं।
 

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