मेरा पानी मेरी विरासत' के तहत सरकार दे रही है 7 हज़ार रुपये प्रति एकड़ ग्रांट, ऐसे करें अप्लाई

हिसार - हरियाणा में लगातार घटते भू-जल(Ground Water) को लेकर सरकार किसानों को ज्यादा पानी की खपत वाली धान की खेती(Paddy farming) के विकल्प पर बाकी फसलों की खेती करने पर प्रोत्साहित कर रही है. इसके लिए सरकार हरियाणा में किसानों को धान की खेती की वैकल्पिक खेती के लिए प्रति एकड़ ग्रांट(Grant) भी दे रही है. इसको लेकर हिसार की डीसी डॉ प्रियंका सोनी(DC Dr. Priyanka Soni) ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि राज्य सरकार द्वारा किसानों के कल्याणार्थ की क्रियान्वित की जा रही मेरा पानी-मेरी विरासत योजना(Mera Pani Meri Virasat Yojana 2022) के तहत धान की जगह वैकल्पिक फसल की खेती करने वाले किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से वित्तीय सहायता(financial help) दी जाएगी. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इसके लिए इच्छुक किसान को मेरी पानी-मेरी विरासत पोर्टल व मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल(Mera Pani Meri Virasat Portal) पर पंजीकरण(Registration) करवाना होगा.
हिसार उपायुक्त(DC Hisar) ने बताया कि मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत लाभ लेने के लिए अंतिम तिथि 31 जुलाई निर्धारित की गई है. उन्होंने बताया कि गत वर्ष योजना का लाभ लेने वाले किसान दोबारा से भी लाभ ले सकते हैं. अधिक जानकारी के लिए किसान कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के टोल फ्री नंबर(Toll Free Number 1800-180-2117) अथवा पोर्टल https://fasal.haryana.gov.in/ पर लॉगिन कर सकते हैं. उपायुक्त ने जिला के किसानों से अपील की है कि वे धान की वैकल्पिक फसलों(Alternative Crops) द्वारा विविधीकरण कर सरकार की इस योजना का लाभ उठाएं. उन्होंने बताया कि फसल विविधीकरण अपनाने से फसल की मिट्टी उपजाऊ होगी और अधिक पैदावार देने में भी सहायक होगी.
क्या है मेरा पानी मेरी विरासत योजना
हरियाणा राज्य सरकार ने हाल ही में जल संरक्षण के उद्देश्य से ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ (Mera Pani Meri Virasat) योजना की शुरुआत की गई है. इस योजना के तहत राज्य सरकार घटते भू-जल को देखते हुए पानी की अधिक खपत वाले धान के स्थान पर ऐसी फसलों को प्रोत्साहित कर रही है जिनके लिये कम पानी की आवश्यकता होती है. योजना के तहत आगामी खरीफ सीजन(Kharif Season) के दौरान धान के अलावा अन्य वैकल्पिक फसलों की बुवाई करने वाले किसानों को प्रोत्साहन राशि के रूप में प्रति एकड़ 7 हज़ार रुपए की राशि दी जा रही है.
इस योजना में रतिया, सीवन, गुहला, पिपली, शाहाबाद, बाबैन, इस्माइलाबाद और सिरसा सहित आठ ब्लॉक शामिल हैं. ये आठ ब्लॉक धान समृद्ध क्षेत्रों में शामिल है जहाँ भूजल स्तर की गहराई 40 मीटर से अधिक है.
वर्ष 2019 में इन आठ ब्लॉकों द्वारा कुल 2,06,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की खेती की गई थी. वर्ष 2020 में सरकार का लक्ष्य इन ब्लॉकों के 50% धान क्षेत्र (1,03,000 हेक्टेयर) में धान को मक्का, कपास, बाजरा और दलहन सहित वैकल्पिक फसलों के साथ प्रतिस्थापित करना है.