अंबाला से नारनौल तक बने नेशनल हाइवे 152D को आम जनता के लिए खोला गया

यह नेशनल हाईवे प्रदेश में विकास की एक नई इबारत लिखेगा - दुष्यंत चौटाला
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NH 152D
यह पूरा कॉरिडोर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(Advance Traffic Management System) और क्लोज टोलिंग सिस्टम(close tolling system) से परिपूर्ण है. इसमें प्रवेश एवं निकासी के लिए कुल 16 विभिन्न स्थानों पर इंटरचेंज का निर्माण किया गया है तथा हाईवे पर होने वाली हर घटना पर कंट्रोल सेंटर के द्वारा एटीएमएस(ATMS) के माध्यम से पूर्ण निगरानी रखी जाएगी.

चंडीगढ़ - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने  बताया कि अम्बाला से नारनौल तक बनाये गए नवनिर्मित नेशनल हाईवे नंबर 152D को आम जनता के लिए आज से खोल दिया गया है ताकि इसका टेस्ट किया जा सके. उन्होंने कहा कि यह नेशनल हाईवे प्रदेश में विकास की एक नई इबारत लिखेगा. बता दें कि हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास पीडब्लूडी (People Works Department) का प्रभार भी है. 

उन्होंने बताया कि NH-152D प्रोजेक्ट अंबाला से जयपुर तक की यात्रा के समय को 4 से 5 घंटे तक कम कर देगा. इससे एनसीआर(National Capital Region) के ट्रैफिक का मेजर डायवर्जन होगा. जिसके कारण प्रदूषण की समस्या से भी राहत मिलेगी. इसके साथ ही यह जयपुर हाईवे पर अंबाला से कोटपुतली तक सबसे छोटा, सबसे तेज और सुरक्षित मार्ग प्रदान करेगा और पूरे हरियाणा राज्य के चौतरफा औद्योगिक विकास और आर्थिक विकास की गति को तेज करेगा.

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NH-152D

उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि भारतमाला प्रोजेक्ट के तहत निर्मित यह NH-152D छह-लेन(Six Lane) एक्सेस कंट्रोल्स ग्रीनफील्ड कॉरिडोर(Access Controls Greenfield Corridor) है जो कि कुरुक्षेत्र जिले के इस्माईलाबाद (गंगहेड़ी) से नारनौल  तक कुल लगभग 227 किलोमीटर लंबा है. उन्होंने बताया कि यह राजमार्ग अम्बाला-कोटपुतली कॉरिडोर का भाग है जो कि हरियाणा के 8 विभिन्न जिलों कुरुक्षेत्र, कैथल, करनाल, जींद, रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी और महेंद्रगढ़ के लगभग 112 विभिन्न गांवों से होकर गुजरता है और यह आगे नारनौल बाईपास और फिर एनएच-148B से जुड़ा है जो कोटपुतली के पास पनियाला मोड़ पर दिल्ली जयपुर राजमार्ग से मिलता है.

उपमुख्यमंत्री ने आगे बताया कि यह पूरा कॉरिडोर एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम(traffic management system) और क्लोज टोलिंग सिस्टम(close tolling system) से परिपूर्ण है. इसमें प्रवेश एवं निकासी के लिए कुल 16 विभिन्न स्थानों पर इंटरचेंज का निर्माण किया गया है तथा हाईवे पर होने वाली हर घटना पर कंट्रोल सेंटर के द्वारा एटीएमएस(Advance Traffic Management System) के माध्यम से पूर्ण निगरानी रखी जाएगी. यही नहीं लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इस महत्वाकांक्षी परियोजना में छह जगहों पर विश्वस्तरीय वे साईड एमेनिटीज(World Class Way Side Amenities) का भी निर्माण किया गया है, जहां पर लोगों के लिए टॉयलेट फेसिलिटी, ट्रामा सेंटर, पेट्रोल पंप, कायोस्क रेस्टोरेंट, ढाबा, चिल्ड्रन पार्क, ट्रक एवं ट्रेलर पार्किंग इत्यादि की समुचित व्यवस्था की गई है. 

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि परियोजना में 16 स्थानों पर इंटरचेंज, 2 मुख्य टोल प्लाजाओं एवं 8 आरओबी(Road Over Bridge) का भी प्रावधान किया गया है और इस परियोजना में लगभग 2,000 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है जिस पर लगभग 3000 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को वितरित किया गया है तथा इसके सिविल निर्माण कार्य पर लगभग 6,000 करोड़ रुपये की लागत आई है.

डिप्टी सीएम ने इस नेशनल हाइवे को प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र को नए आयाम देने वाला बताया और कहा कि अभी तक जो इन्वेस्टर अपने उद्योग एनसीआर आदि क्षेत्र में लगाने को प्राथमिकता देते थे, वे अब इस राष्ट्रीय राजमार्ग में पड़ने वाले जिलों में भी उद्योग लगाने को उत्सुक होंगे. उन्होंने कहा कि यह राजमार्ग हाईस्पीड एक्सिस कंट्रोल्ड(High Speed ​​Axis Controlled) के रूप में विकसित किया गया है जिसमें धीमी गति वाले वाहनों, मोटरसाईकिल एवं अन्य दुपहिया वाहनों(Two Wheerels) तिपहिया वाहनों(Three Wheelers), गैर मोटर चालित वाहनों ट्रेलर के साथ या ट्रेलर के बिना ट्रेक्टर बहुधुरीय हाइड्रोलिक ट्रेलर वाहनों क्वाड्री साईकिल इत्यादि वर्जित किए गए हैं.

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