भारत की पहली रैपिड रेल, जानिए क्या होगा खास

रैपिड रेल के यात्रियों को मिलेगी खास सुविधा, उठा सकेंगे प्रीमियम लाउंज का लाभ; जानें विशेषताएं
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रेल
ट्रैक से लेकर डिब्‍बे और स्‍ट्रेशनों पर कई ऐसी टेक्‍नोलॉजी उपयोग की जा रही है, जिसका इस्‍तेमाल देश में पहली बार हुआ है। रैपिड रेल भारत की सबसे तेज चलने वाली ट्रेन होगी।

दिल्ली.    दिल्‍ली से मेरठ के बीच में देश की पहली रैपिड रेल का संचालन जल्‍द ही होने वाला है। इस हाईस्‍पीड ट्रेन में मेट्रो जैसी कई सुविधाएं होगीं, बल्कि मेट्रो से भी एडवांस सुविधा जोड़ी जाएगी। इसके ट्रैक से लेकर डिब्‍बे और स्‍ट्रेशनों पर कई ऐसी टेक्‍नोलॉजी उपयोग की जा रही है, जिसका इस्‍तेमाल देश में पहली बार हो रहा है। उदाहरण के तौर पर समझें तो यह अंडरपास से होकर गुजरने के समय बिजली पैदा करेगी, जिससे उस इलाके की बिजली की आपूर्ति हो सकेगी।

इसी तरह इसमें सुरक्षा के मद्देनजर भी स्‍टेशनों पर गेट के पास गार्ड लगाया जाएगा, जैसे मेट्रो स्‍टेशनों पर होता है। जब ट्रेन आकर रुकेगी तभी यह ओपेन होंगे और यात्री सुरक्षित तरीके से सफर कर सकेंगे।

अब इसी क्रम में यात्रियों को एक और सुविधा देने की तैयारी की जा रही है। एनसीआरटीसी के अधिकारियों ने शनिवार को जानकारी दी कि क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) के यात्री जो दिल्ली और मेरठ के बीच बिजनेस क्लास की यात्रा करेंगे, उन्हें अब “प्रीमियम लाउंज” की सुविधा दी जाएगी। ये प्रीमियम लाउंज “हाई-स्पीड” रेल के सभी स्टेशनों पर बनाए जाएंगे।

प्रीमियम लाउंज में क्‍या-क्‍या सुविधाएं मिलेंगी

पीटीआई के अनुसार, एनसीआरटीसी के एक अधिकारी ने जानकारी दी कि हर ट्रेन में एक प्रीमियम कोच बनाया जाएगा। जहां पर बिजनेस या प्रीमियम क्लास का किराया सामान्य टिकट से अधिक होगा। प्रीमियम लाउंज हवाई अड्डों पर लाउंज के समान होगा और इसमें बिजनेस क्लास की सभी सुविधाएं होंगी। प्रीमियम लाउंज में शानदार माहौल, आरामदायक सोफे, पत्रिकाएं, किताबें, कॉफी और चाय की वेंडिंग मशीनें होंगी। वहीं कुछ लक्‍जरी सुविधाओं के लिए अतिरिक्‍त पैसे खर्च करने होंगे।

किन-किन लोगों के लिए कोच आरक्षित

आरआरटीएस ट्रेनों में मानक के साथ-साथ प्रीमियम वर्ग (प्रति ट्रेन एक कोच) होगा। इसके साथ ही एक कोच महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होगा। प्रीमियम श्रेणी का कोच अधिक बड़ा होगा और इसमें झुकी हुई सीटें दी जाएंगी। आरआरटीएस ट्रेनों के ये प्रीमियम कोच प्लेटफॉर्म स्तर पर एक विशेष लाउंज के माध्यम से दिए जाएंगे। अधिकारी ने कहा, “दोनों वर्गों का किराया अभी तय नहीं हुआ है।”

कैसे वसूला जाएगा किराया

अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर में यात्रियों के लिए ऑटोमेटिक फेयर कलेक्शन (एएफसी) सिस्टम और क्यूआर कोड टिकट होंगे। यात्री क्यूआर कोड टिकटों का उपयोग करेंगे जिन्हें एनसीआरटीसी मोबाइल ऐप या इसकी वेबसाइट पर डिजिटल रूप से जेनरेट किया जा सकता है

यात्रियों और क्‍या मिलेगीं सुविधाएं

आरआरटीएस ट्रेनों में यात्रियों को ट्रांसवर्स कुशन सीटिंग, चौड़ा स्टैंडिंग स्पेस, लगेज रैक, सीसीटीवी कैमरा, लैपटॉप व मोबाइल चार्जिंग सुविधा, डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम दिया जाएगा। इन ट्रेनों में खड़े यात्रियों के लिए आरामदायक यात्रा के लिए ग्रैब हैंडल और रेल के साथ गलियारे की चौड़ाई को बड़ा रखा गया है।

कबतक और कितनी गति से चलेगी ट्रेन

गौरतलब है कि रैपिड रेल को पहले साहिबाबाद और दुहाई के बीच 17 किलोमीटर की दूरी के लिए 2023 तक और पूरे रूट के लिए 2025 तक चालू करने का लक्ष्य है। भारत में यह सबसे तेज ट्रेनें होंगी क्योंकि इसकी डिजाइन गति 180 किमी प्रति घंटे और परिचालन गति 160 किमी प्रति घंटे है। इन आरआरटीएस ट्रेनों की औसत गति 100 किमी प्रति घंटे होगी।

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