कुलदीप बिश्नोई के इस्तीफे के बाद बेटे भव्य बुश्नोई ने लिखा कांग्रेस को पत्र, भजनलाल का किया जिक्र

युद्ध के मैदान में मिलेंगे
 | 
ss
यह चौधरी भजन लाल जी ही थे जिन्होंने चार बार हरियाणा में कांग्रेस के सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई आखिरी बार 2005 में जब श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेरे दादा जी के श्रम का फल खाया था. तबसे हरियाणा में कांग्रेस के वोट शेयर में लगातार गिरावट आई है. और प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है.

चंडीगढ़ - पूर्व कांग्रेस नेता व आदमपुर(Adampur) से विधायक कुलदीप बिश्नोई(Kuldeep Bishnoi) के इस्तीफे के बाद आदमपुर विधानसभा सीट पर अब उपचुनाव होना तय हो गया है. ऐसे में इस्तीफे के बाद कुलदीप बिश्नोई ने अपने बेटे भव्य बिश्नोई(Bhavy Bishnoi) को उम्मीदवार बनाने की इच्छा जताई है. लेकिन इसी बीच पूर्व में हिसार लोकसभा(Hisar Constituency) चुनाव उमीदवार भव्य बिश्नोई भी ट्विटर पर खूब एक्टिव नजर आ रहे हैं. बीती 3 अगस्त को कुलदीप बिश्नोई द्वारा हरियाणा के विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता( Assembly Speaker Ghyanchand Gupta) को कांग्रेस विधायक पद से इस्तीफे देने के बाद भव्य बिश्नोई ने कांग्रेस को पत्र लिखा है. जिसमें उन्होंने अपने दादा भजलाल(Bhajan lal) व उनके परिवार द्वारा को कांग्रेस के लिए किए गए बलिदान व संघर्ष का जिक्र किया है. उन्होंने 2005 में हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद मुख्यमंत्री पद की दावेदारी का जिक्र किया है और भूपेंद्र सिंह हुड्डा(Bhupender Singh Hooda) पर निशाना साधा है.


चौ. भजलाल ही असली कांग्रेस थे

सत्य ही टिकेगा, बाकी सब समय के ज्वार से पहले बह जाएगा - महात्मा गांधी

भव्य बिश्नोई ने पत्र में कहा - 5 दशकों से अधिक समय से मेरे परिवार ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस(Indian National Congress) की सेवा पूरी लगन और सत्यनिष्ठा से की है. कुछ लोग तर्क देते हैं कांग्रेस ने हमें बहुत कुछ दिया; उन्हें मैं कहना चाहता हूं कि मेरी दादा जी युगपुरुष श्री स्वर्गीय चौधरी भजन लाल ने कांग्रेस पार्टी को सब कुछ दिया है. और ये सब जानते हैं कि हरियाणा में चौधरी भजन लाल जी ही असली कांग्रेस थे. पार्टी को यह समझना चाहिए कि वह भी भारत के लोगों और अपने नेताओं व कार्यकर्ताओं की वजह से ही है, इसलिए उनकी जरूरतों और आकांक्षाओं को प्रति उत्तरदायी रहना चाहिए. यह चौधरी भजन लाल जी ही थे जिन्होंने चार बार हरियाणा में कांग्रेस के सत्ता में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई -  आखिरी बार 2005 में जब श्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने मेरे दादा जी के श्रम का फल खाया था. तबसे हरियाणा में कांग्रेस के वोट शेयर में लगातार गिरावट आई है. और प्रमुख नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है.

वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए


भव्य ने कहा - कांग्रेस में वर्तमान नेतृत्व के विपरीत श्रीमती इंदिरा गांधी(Indira Gandhi) जी और श्री राजीव गांधी(Rajiv Gandhi) जी की नजर प्रतिभा प्रतिभा होती थी उन्हें योद्धाओं और मैदानी घोड़ों की परख थी. दोनों नेताओं ने अभूतपूर्व क्षमता के आधार पर उन्हें हमेशा सर-आंखों पर बिठाया. अन्य प्रयासों में इंदिरा गांधी के कार्यकाल के दौरान चौधरी भजन लाल जी ने 1980 के दशक में आतंकवाद के खतरे के को कम करने और एसवाईएल(Satluj-Yanuna Link) जल संकट को सुलझाने की दिशा में गंभीरता से प्रयास किए. वहीं राजीव गांधी के कार्यकाल में पूरे भारत में पंचायती राज संस्थाओं को मजबूत करके हरियाणा में गुड़गांव मानेसर औद्योगिक नगरी का ब्लू प्रिंट(Blue Print of Gurgaon Manesar Industrial City) तैयार किया. इसके अलावा चौधरी भजन लाल जी के लिए अनगिनत कार्यों को स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है.

कुलदीप बिश्नोई के साथ विश्वासघात किया गया
 
उन्होंने कहा - इसी तरह मेरे पिता चौधरी कुलदीप बिश्नोई ने 2016 में हजकां(Haryana Janhit Congress) का कांग्रेस पार्टी में विलय इस उम्मीद में किया कि उनकी क्षमताओं और लोकप्रियता को भी केंद्रित कर कांग्रेस नेतृत्व पार्टी की संपत्ति के रूप में उपयोग करेगा और यह सिर्फ एक उम्मीद नहीं थी बल्कि एक स्पष्ट प्रति प्रतिबद्धता थी जो पार्टी नेतृत्व द्वारा उन से की गई थी. पिछले 6 सालों में पार्टी नेतृत्व में व्यापक रूप से पिताजी के साथ विश्वासघात किया उनकी क्षमता को बर्बाद किया और उनसे किए गए अपने वादों से मुकर गए. मेरे पिता पदों के लिए लालची नहीं है, बल्कि परिणाम के लिए प्रतिबद्ध हैं. दरअसल वह पूर्व में हरियाणा के केंद्रीय मंत्री और उपमुख्यमंत्री के प्रलोभन को ठुकरा चुके हैं. मेरे पिता दिलों पर राज करते हैं और जनसेवा और जमीनी जंगों में नेतृत्व करना पसंद करते हैं. वह हरियाणा के कुछ जमीनी नेताओं में से एक हैं, इनके पास राज्य के सभी 7,356 गांव 154 शहरों और कस्बों में मतदाता कार्यकर्ता हैं. मेरे पिताजी कोसंघर्ष, जुबान के धनी, ईमानदारी की मिसाल माना जाता है.

केंद्रीय नेतृत्व ने अक्षम नेताओं को गले लगाया हुआ है

भव्य ने आगे कहा - मेरे पिता ने हरियाणा के लोगों के न्याय के लिए सत्ता में बैठे लोगों को चुनौती देने में कभी संकोच नहीं किया. परंतु दुर्भाग्य से वर्तमान कांग्रेस नेतृत्व योग्यता की बजाए पैसा और दबाव को पुरस्कृत करता है. अनुशासनहीनता के लिए शून्य(या बल्कि चयनात्मक) जवाबदेही है. गैर निष्पादित व अक्षम नेताओं को बार-बार राज्य और निर्णय की जिम्मेदारी दी जाती है. अहंकार एक राजनेता का सबसे बड़े दुश्मन है. लेकिन केंद्रीय उन्हें लगाया है जैसे मां अपने बच्चे को लगाती है.एक  युवा

अब कांग्रेस खोखले भाषणों में सिमट कर रह गई है

भव्य ने कहा - राजनेता के रूप में, जिसने हाल ही में सेवा की अपनी यात्रा शुरू की है, मैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस  से बेहद निराश हूं. न्याय समावेशिता, और लोकतंत्र के आदर्श थे, जो कभी भारत स्वतंत्रता संग्राम(Freedom Struggle) और स्वतंत्रता के बाद के प्रारंभिक वर्षों के दौरान कांग्रेस के आधार थे. अब कपट कपट पूर्ण फोटो सेशन खोखले भाषण और अंशकालिक ग्रामों में सिमट गई हैं. पार्टी नेतृत्व को भले ही ऐसा लगे कि वह इतिहास की सही और है. लेकिन मौजूदा तौर तरीकों से कांग्रेस पूरी तरह से इतिहास बन जाएगी. चापलूसों से घिरे केंद्रीय नेतृत्व ने जमीनी हकीकत से संपर्क हो दिया है और भारत की जनता की नजरों में अपनी स्थिति को लेकर पूरी तरह से भ्रमित कर दिया है. कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व सुसाइडल मिशन पर है.

युद्ध के मैदान में मिलेंगे

भव्य ने आखिर में कहा - कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व में राजनीतिक भूख और सक्रिय राजनीति का अभाव है. एक देशभक्त होने के नाते, मैं परमात्मा से प्रार्थना करता हूं कि वह कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को सद्बुद्धि दें क्योंकि किसी भी संपन्न लोकतंत्र के लिए एक स्वस्थ व सक्षम विपक्ष का होना अति आवश्यक है. मेरा परिवार जिसने हमेशा मानव सेवा के रूप में राजनीति का अनुसरण किया है. पार्टी में स्तम्भित और घुटन महसूस कर रहा है. इसलिए ऊपर बताए गए कारणों से और अपने मतदाताओं, कार्यकर्ताओं, नेताओं और शुभचिंतकों से परामर्श करने के बाद हमने कांग्रेस पार्टी को छोड़ने का फैसला किया है. अलविदा कांग्रेस! युद्ध के मैदान में मिलते हैं.

Latest News

Featured

Around The Web