Haryana - पुलिस सामुदायिक संपर्क समूह के द्वारा छोटे-मोटे विवादों का कर रही है निपटारा

CLG ने जनवरी से जून 2022 तक 3880 मामलों में मध्यस्थता के जरिये निपटान किया
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ओपी सिंह ने कहा कि CLG के गठन के पीछे मूल उद्देश्य लोगों को बिना किसी मुकद्दमे के स्थानीय स्तर पर अपने छोटे-मोटे विवादों का निपटारा करने के लिए प्रोत्साहित करना है. चूंकि CLG के सदस्य भी स्थानीय क्षेत्र से होते हैं, इसलिए वे दोनो पक्षों के बीच के मुद्दों से भली भांति परिचित होने के साथ-साथ उनका समाधान करने में भी सहायक होते हैं. 

चंडीगढ़ - हरियाणा राज्य अपराध शाखा(Haryana State Crime Branch) के एडिशनल DGP ओपी सिंह ने मंगलवार, 30 अगस्त को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हरियाणा पुलिस ने सामुदायिक संपर्क समूहों(Community Liaison Group) के जरिये साल 2022 के पहले 6 महीनों में प्रदेश में 1018 से अधिक विवादों को बातचीत या मध्यस्थता के जरिये निपटान किया है. 

ADGP(Additional Director General Of Police) ने बताया कि जनवरी से जून, 2022 के बीच 3880 CLG(Community Liaison Group) सदस्यों ने ऐसे विवादों, जिन्हें पुलिस या अदालतों के माध्यम से निपटाने के बजाय सौहार्दपूर्ण तरीके से हल किया जा सकता था, में मध्यस्थता करने के लिए इन बैठकों में भागीदारी की.

इस अवधि के दौरान पुलिस ने 1333 विवादों को सीएलजी के लिए चिह्नित किया गया. CLG को चिन्हित किए गए 1333 मामलों में से परिवार, संपत्ति और सामुदायिक विवादों जैसे 1018 सिविल प्रकृति(Civil Cases) के विवादों का निपटारा करना स्पष्ट रूप से हरियाणा पुलिस की पारदर्शी और सार्वजनिक-उन्मुख(Transparency & Public Oriented) पुलिस पहल के प्रति जनता की सकारात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है. विवादों के निपटारे का ब्यौरा साझा करते हुए उन्होंने बताया कि जनवरी से मार्च के बीच CLG की बैठकों में 322, अप्रैल माह में 243, मई में 232 और जून 2022 में 221 विवादों का समाधान आपसी सहमति से किया गया.

ओपी सिंह ने कहा कि CLG के गठन के पीछे मूल उद्देश्य लोगों को बिना किसी मुकद्दमे के स्थानीय स्तर पर अपने छोटे-मोटे विवादों का निपटारा करने के लिए प्रोत्साहित करना है. चूंकि CLG के सदस्य भी स्थानीय क्षेत्र से होते हैं, इसलिए वे दोनो पक्षों के बीच के मुद्दों से भली भांति परिचित होने के साथ-साथ उनका समाधान करने में भी सहायक होते हैं. 

उल्लेखनीय है कि हरियाणा पुलिस(Haryana Police) द्वारा उन मामलों को निपटाने के लिए CLG का गठन किया गया है जिसके लिए प्राथमिकी(FIR) की आवश्यकता नहीं है लेकिन बातचीत या मध्यस्थता के माध्यम से हल किया जा सकता है।

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