किसान खुदकुशी पर आंकड़ों का खेल: केंद्र का दावा- 18 साल में 1,805 ने सुसाइड किया; PAU की स्टडी में 9,291 ने जान दी

किसानों की खुदकुशी को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना के आंकड़े बेमेल 
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भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में 11,744 किसानों ने आत्महत्या की जबकि 2012 में 13,754 किसानों ने आत्महत्या की थी ।
खेतीबाड़ी की स्थिति ठीक है, यह साबित करने के लिए खुदकुशी के कम आंकड़े बताए जा रहे हैं। केंद्र को खेती की स्थिति सुधारने में कोई काम न करना पड़े, इसलिए यह दांव खेला जा रहा है।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का हवाला दिया। वहीं PAU की स्टडी के मुताबिक इन्हीं 18 वर्षों में 9,291 किसानों ने खुदकुशी की। बाकी खुदकुशी खेत मजदूरों ने की है।

चंडीगढ़-  भारत में ज्यादातर किसान कर्ज़, लागत बढ़ने, सिंचाई के अभाव, कीमतों में कमी और फसल के बर्बाद होने के चलते आत्महत्या का रास्ता चुनते हैं। 1995 से लेकर अब तक न जाने कितने किसान आत्महत्या कर चुके हैं। ऐसे में किसानों की आत्महत्यामें कमी क्या संकेत देती है? खेती किसानी मामले पर लगातार लिख रहे । भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में 11,744 किसानों ने आत्महत्या की जबकि 2012 में 13,754 किसानों ने आत्महत्या की थी । 

 

 

भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में 11,744 किसानों ने आत्महत्या की जबकि 2012 में 13,754 किसानों ने आत्महत्या की थी ।

पंजाब में किसानों की खुदकुशी को लेकर केंद्र सरकार और पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी लुधियाना के आंकड़े मेल नहीं खा रहे। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने गुरूवार को लोकसभा में कहा कि पंजाब में 2000 से 2018 तक 1805 किसानों ने खुदकुशी की।नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का हवाला दिया। वहीं PAU की स्टडी के मुताबिक इन्हीं 18 वर्षों में 9,291 किसानों ने खुदकुशी की। बाकी खुदकुशी खेत मजदूरों ने की है।

महाराष्ट्र से कांग्रेस सांसद सुरेश नारायण धनोड़कर ने लोकसभा में PAU की स्टडी की हवाला देकर सवाल पूछा था। जिसके जवाब में केंद्रीय मंत्री ने यह जानकारी दी। हालांकि PAU ने जो स्टडी की थी, वह पंजाब के 6 जिलों में संगरूर, बठिंडा, मोगा, लुधियाना, मानसा और बरनाला में ही थी।

भारत के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के मुताबिक 2013 में 11,744 किसानों ने आत्महत्या की जबकि 2012 में 13,754 किसानों ने आत्महत्या की थी ।

पंजाब के वरिष्ठ किसान नेता राजिंदर सिंह दीप सिंह वाला ने कहा कि केंद्र सरकार जानबूझकर सही आंकड़े नहीं देती। देश में खेतीबाड़ी की स्थिति ठीक है, यह साबित करने के लिए खुदकुशी के कम आंकड़े बताए जा रहे हैं। केंद्र को खेती की स्थिति सुधारने में कोई काम न करना पड़े, इसलिए यह दांव खेला जा रहा है।


 

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