रोहतक में पटरी से उतरी मालगाड़ी: कोयले से भरे 10 डिब्बे पलटे
![दिल्ली से रोहतक जा रही मालगाड़ी के 10 डिब्बे रविवार सुबह दस बजे पटरी से उतर गए। इसमें डिब्बों में भरा कोयला बिखर गया और यातायात प्रभावित हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने बिजली सप्लाई को रुकवा दिया। दिल्ली-रोहतक ट्रैक क्षतिग्रस्त, राजधानी जाने वाली 2 ट्रेनें रोकीं।](https://theinknews.com/static/c1e/client/96874/uploaded/6a4bbb91a77771b5a9ba8a0f4c917e13.webp)
रोहतक - रविवार सुबह मालगाड़ी कोयला लेकर दिल्ली से रोहतक की तरफ आ रही थी। जब खरावड़ रेलवे स्टेशन के पास पहुंची तो किसी कारण से मालगाड़ी ट्रैक से उतर गई। मालगाड़ी के दस डिब्बे ट्रैक से उतरे। मालगाड़ी के ट्रैक से उतरने के कारणों का अभी नहीं चल पाया है। अधिकारियों द्वारा यह जांच की जाएगी कि हादसा कैसे हुआ। अधिकारी घटनास्थल पर मौजूद हैं। घटना की सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस और रेलवे के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच कर रहे हैं। रेलवे की टीम ट्रैक को बहाल करने के लिए काम कर रही है।
मालगाड़ी पलटने के कारण दिल्ली-रोहतक ट्रैक प्रभावित हुआ है। इस रूट पर सबसे अधिक ट्रेनों का आवागमन रहता है। लगभग हर एक-दो घंटे में ट्रेन यहां से गुजरती है। जिसमें हजारों यात्री सफर करते हैं। ट्रैक बाधिक होने के कारण सभी यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ेगी। वहीं सफर करने के लिए दूसरे विकल्प का चयन करना होगा।
दिल्ली से रोहतक जा रही मालगाड़ी के 10 डिब्बे रविवार सुबह दस बजे पटरी से उतर गए। इसमें डिब्बों में भरा कोयला बिखर गया और यातायात प्रभावित हुआ। हादसे की सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन ने बिजली सप्लाई को रुकवा दिया। घटना की सूचना मिलने पर रेलवे पुलिस और रेलवे के अन्य अधिकारी मौके पर पहुंच गए और मामले की जांच कर रहे हैं। रेलवे की टीम ट्रैक को बहाल करने के लिए काम कर रही है।
मालगाड़ी ट्रैक से उतरने के हादसे पहले भी हो चुके हैं। 24 जून को रोहतक रेलवे स्टेशन पर मालगाड़ी ट्रैक से उतर गई थी। उस समय भी बड़ा हादसा होते-होते बच गया था। करीब डेढ़ माह के दौरान यह दूसरा हादसा है, जब मालगाड़ी ट्रैक से उतरी है।
मालगाड़ी ट्रैक से उतरने की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। अधिकारी व कर्मचारी व्यवस्था सुधारने में जुटे हुए हैं। सबसे पहले मालगाड़ी को यहां से हटाने का प्रयास किया जाएगा, ताकि ट्रैक को ठीक किया जा सके। ट्रैक काफी क्षतिग्रस्त होने के कारण इसे ठीक करने में भी समय लगेगा।