Haryana Panchayat Election - पंचायती राज संस्थानों में पिछड़ा वर्ग(A) को मिलेगा आरक्षण

राज्य मंत्रिमंडल ने इसके संबंध में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को किया स्वीकार
 | 
ss
बशर्ते कि यदि BC(A) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में BC(A) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा. इसी प्रकार एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत BC(A) के लिए आरक्षित होगा.

चंडीगढ़ - हरियाणा में बुधवार, 31 जुलाई को मंत्रिमंडल की बैठक में अहम फैसला लिया गया है. चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में पंचायती राज संस्थानों में BC(A) यानी पिछड़ा वर्ग की A श्रेणी के राजनीतिक आरक्षण अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए इस संबंध में हरियाणा पिछड़ा वर्ग आयोग(Haryana Backward Classes Commission) की रिपोर्ट को स्वीकृति प्रदान की गई.

पिछड़ा आयोग ने रिपोर्ट में पिछड़ा वर्ग BC(A) के लोगों को राजनीतिक सेटअप में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने के कारण उन्हें पंचायती राज संस्थानों में राजनीतिक आरक्षण प्रदान करने की आवश्यकता पर बल दिया गया है. हालांकि आयोग ने केवल पंचायती राज संस्थानों में ऐसा प्रावधान किए जाने के लिए पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण के अनुपात की ही सिफारिश की है, इसलिए संबंधित विभाग किसी भी स्तर पर BCA के लिए आरक्षित की जाने वाली सीटों के रोटेशन को तय करने के लिए स्वतंत्र होंगे.

पिछड़ा आयोग ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में पंच का पद (Backward Classes-A)  के लिए आरक्षित किए जाने की सिफारिश की है और इस प्रकार उस ग्राम सभा क्षेत्र की कुल आबादी में BC(A) की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में ग्राम पंचायत की सीटों की कुल संख्या के उसी अनुपात में आरक्षित की जाएगी. यदि डेसिमल वैल्यू 0.5 या अधिक है तो इसे अगले उच्च पूर्णांक में पूर्णांकित किया जाएगा.

बशर्ते कि यदि BC(A) की आबादी सभा क्षेत्र की कुल आबादी का दो प्रतिशत या अधिक है तो प्रत्येक ग्राम पंचायत में BC(A) से संबंधित कम से कम एक पंच होगा. इसी प्रकार एक ब्लॉक में सरपंच के पदों की कुल संख्या का आठ प्रतिशत BC(A) के लिए आरक्षित होगा.

प्रत्येक जिला परिषद में सदस्य के पद Backward Classes-A) के लिए आरक्षित होंगे और इस प्रकार आरक्षित सीटों की संख्या, जिला परिषद क्षेत्र की कुल आबादी में पिछड़े वर्ग की आबादी के आधे प्रतिशत के रूप में जिला परिषद में सीटों की कुल संख्या उसी अनुपात में आरक्षित होंगी. आरक्षण अनुसूचित जाति और बीसी (ए) के पक्ष में आरक्षित कुल सीटों के कुल 50 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा.

आयोग द्वारा इन सिफारिशों को स्पष्ट करते हुए उदाहरण दिया गया है कि मान लीजिए गाँव में पिछड़े वर्ग ब्लॉक ए की आबादी ग्राम सभा की कुल आबादी का 25 प्रतिशत है तो 12.5 प्रतिशत सीटें BC(A) के नागरिकों के लिए आरक्षित होंगी. जहां किसी दिए गए गांव में अनुसूचित जाति की आबादी 50 प्रतिशत या उससे अधिक है तो पिछड़े वर्ग (ए) को अपनी आबादी की प्रतिशतता के बावजूद भी कोई आरक्षण नहीं मिलेगा.

जहां अनुसूचित जाति की आबादी ग्राम सभा की आबादी का 40 प्रतिशत है और ग्राम सभा में 10 सीटें हैं तो 4 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित होंगी और एक सीट पिछड़ा वर्ग(A) के लिए आरक्षण के लिए उपलब्ध होगी. ऊपर उल्लिखित अन्य शर्तें लागू रहेंगी.

ग्राम सभा में BC(A) की आबादी 2 प्रतिशत या उससे अधिक होने पर उन्हें ग्राम पंचायत में एक सीट मिलेगी, भले ही उनके लिए उपलब्ध आरक्षण के प्रतिशत के अनुसार उनके लिए कोई भी सीट उपलब्ध न हो.

Latest News

Featured

Around The Web