लंपी बीमारी के टेस्ट अब लाला लाजपत राय पशु विश्वविद्यालय की लैब में हो सकेंगे
यूनिवर्सिटी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांगेगी अनुमति, अभी भोपाल में सुविधा
![लंपी बीमारी के टेस्ट अब जल्द ही हिसार के लाला लाजपत राय पशु विश्वविद्यालय की लैब में हो सकेंगे। लुवास में एक लैब उपलब्ध है। अभी तक लंपी बीमारी के सैंपल भोपाल में चेक किए जा रहे हैं। यह सैंपल पंजाब में रीजनल डायग्नोस्टिक लैब जालंधर के माध्यम से भोपाल जाते हैं।लुवास जल्द ही भारत सरकार को पत्र लिखकर सैंपल टेस्ट की अनुमति मांगेगा।](https://theinknews.com/static/c1e/client/96874/uploaded/8b803f52304a4b97e46812204c985130.jpg)
हिसार- हरियाणा प्रदेश के 482 गांवों में लंपी वायरस प्रदेश के फैल चुका है। 40 से अधिक पशुओं की मौत हो चुकी है। यह 7182 से अधिक गोवंश को संक्रमित कर चुका है। हरियाणा के यमुनानगर, अंबाला जिले में सबसे अधिक पशु इससे संक्रमित हैं, जबकि पंजाब में 40198 पशु संक्रमित हो चुके हैं। 1314 की मौत हुई है। हरियाणा ने 5 लाख गोट पॉक्स वैक्सीन का ऑर्डर दे दिया है। प्रदेश में करीब 62.92 लाख गाय- भैंस है। इनमें 19.32 लाख गोवंश है।
जिस स्थान पर पशु लंपी बीमारी की चपेट में आता है, वहां पर करीब 4 किलोमीटर के एरिया को चिन्हित किया जाता है। वहीं लुवास के एक्सपर्ट, पुश पालन विभाग के साथ मिलकर जागरूकता कैंप लगा रहे हैं।लुवास के डायरेक्टर रिसर्च नरेश जिंदल ने कहा कि हम यह सर्वे कर रहे हैं कि पिछली बार जब लंपी बीमारी जिन 7-8 जिलों में आई अब उन जिलों में क्या स्थिति है।
लंपी बीमारी के टेस्ट अब जल्द ही हिसार के लाला लाजपत राय पशु विश्वविद्यालय की लैब में हो सकेंगे। लुवास में एक लैब उपलब्ध है। अभी तक लंपी बीमारी के सैंपल भोपाल में चेक किए जा रहे हैं। यह सैंपल पंजाब में रीजनल डायग्नोस्टिक लैब जालंधर के माध्यम से भोपाल जाते हैं।लुवास जल्द ही भारत सरकार को पत्र लिखकर सैंपल टेस्ट की अनुमति मांगेगा। अगर केंद्र सरकार यह अनुमति दे देता है, तो पंजाब, हरियाणा के पशुओं में लंपी बीमारी के सैंपल हिसार की लुवास में ही टेस्ट करने की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
लुवास के डायरेक्टर रिसर्च डॉ. नरेश जिंदल का कहना है हमारी लैब में पूरे संसाधन उपलब्ध है। कल हम केंद्र सरकार को पत्र लिखकर सैंपल टेस्ट करने की अनुमति मांगेंगे। अभी भोपाल में सैंपल टेस्ट हो रहे हैं। हरियाणा से अभी तक 161 सैंपल राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल भेजे गए हैं।