विधायक नीरज शर्मा का तंज: बोले- काली भेड़ का नाम सार्वजनिक करें जिसने गद्दारी, जिसकी वजह से अजय माकन हारे

हिसार- अजय माकन ने किरण चौधरी का वोट रद्द होने का दावा किया। अब यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है। कुलदीप वत्स के बाद अब फरीदाबाद NIT विधायक नीरज शर्मा ने विवेक बंसल को घेरते हुए उस काली भेड़ का नाम सार्वजनिक करने और एक्शन लेने की बात कही है। राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार अजय माकन की हार क्रॉस वोटिंग और 1 विधायक का वोट रद्द होने के कारण हुई। नीरज शर्मा बोले 10 जून को वोट डाले गए थे। विवेक बंसल पोलिंग एजेंट थे और प्रभारी थे। कुलदीप वत्स के खिलाफ पार्टी में एक्शन और कानूनी कार्रवाई की बात हो रही है। अच्छा होता कि पहले एक्शन उस काली भेड़ पर लिया जाता, जिसने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की।
तीन संभावनाएं है, बंसल जी या तो नाम छिपा रहे है या बंसल को पता नहीं। कुलदीप बिश्नोई ने तो ओपनली कह दिया कि मैनें वोट नहीं डाली। दूसरी काली भेड़ कौन है, उसका नाम आना चाहिए, सबसे पहले कार्रवाई उस पर होनी चाहिए, जिसने पार्टी से गददारी की। बंसल जी उसका नाम नहीं ले रहे। 11 जून को सबसे पहले शाम 5 बजे ही बंसल को कह देना चाहिए था कि एक वोट लाइन की जगह टिक मार्क पर पड़ी है।कहा कि किसी ने वोट नहीं दिखाई या तीसरा यह हो सकता है कि काउंटिंग के समय रात को कोई भूत प्रेत आया और लकीर के नीचे टिक मार्क कर दिया। हमें बड़ा दुख है कि हमने 10 दिन जनता से दूर रहकर देखा। यदि किसी साथी विधायक ने अपने मन की पीड़ा कह दी तो इसमें गलत क्या है। कुलदीप वत्स से पहले हरियाणा प्रभारी विवेक बंसल का नैतिक कर्तव्य बनता है।
कुलदीप बिश्नोई ने तो ओपनली कह दिया कि मैनें वोट नहीं डाली। दूसरी काली भेड़ कौन है, उसका नाम आना चाहिए, सबसे पहले कार्रवाई उस पर होनी चाहिए, जिसने पार्टी से गददारी की। बंसल जी उसका नाम नहीं ले रहे। 11 जून को सबसे पहले शाम 5 बजे ही बंसल को कह देना चाहिए था कि एक वोट लाइन की जगह टिक मार्क पर पड़ी है।मैंने खुद फोन किया कि हमारी ट्रेनिंग में कमी रह गई। फिर बोले नहीं- नहीं, तुम्हारी डंडी तो ठीक थी। पता नहीं पार्टी ने बैठाया किसलिए था, केवल 31 विधायकों की वोट चैक करने के लिए। आप सीट से भी उठे थे। आपने टोका टोकी भी की थी, परंतु उसके बाद भी नाम सार्वजनिक क्यों नहीं है।
उन्हें कुल 29 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस का एक वोट रद्द हो जाने से कांग्रेसी उम्मीदवार अजय माकन को भी 29 वोट मिले थे। इस हिसाब से पंवार को 2934 वैल्यू, कार्तिकेय को 2966 और माकन को 2900 वैल्यू मिली। जिसके आधार पर पंवार और कार्तिकेय को विजयी घोषित कर दिया गया। इसके बाद अजय माकन ने चुनाव परिणाम को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी है।राज्यसभा चुनाव में 90 विधायक थे। एक वोट का वैल्यू 100 होती है। राज्यसभा चुनाव में 1 कांग्रेस विधायक का वोट रद्द हो गया। निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने किसी को वोट नहीं दिया। 88 वोट काउंट होने के हिसाब से कृष्ण लाल पंवार को जीत के लिए 29.34 वोट चाहिए थे, लेकिन उन्हें 31 वोट मिले। उनके हिस्से में आए 1.67 वोट निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा को चले गए।