हरियाणा में सिंगल पुरुष कर्मचारी भी ले सकेंगे चाइल्ड केयर लीव, हरियाणा सरकार का फैसला

मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दी गई है.
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cm manohar lal
हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई है. अब एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी दो साल की बाल देखभाल छुट्टी की अनुमति होगी. यह नियम हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) प्रथम संशोधन नियम, 2022 कहे जाएंगे.

चंडीगढ़ - हरियाणा में अब एकल (सिंगल) पुरुष सरकारी कर्मचारी भी दो साल की चाइल्ड केयर लीव का पात्र होगा. हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में सोमवार को हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) नियम, 2016 में संशोधन को मंजूरी दे दी गई. यह नियम हरियाणा सिविल सेवा (अवकाश) प्रथम संशोधन नियम, 2022 कहे जाएंगे.

संशोधन के अनुसार एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी (विधुर या तलाकशुदा) और महिला सरकारी कर्मचारी 18 वर्ष की आयु तक के अपने दो बड़े बच्चों की देखभाल लिए अपनी पूरी सेवा के दौरान अधिकतम दो साल (यानी 730 दिन) के लिए चाइल्ड केयर लीव का लाभ उठा सकते हैं. दिव्यांग बच्चों की देखभाल के मामले में आयु की कोई सीमा नहीं होगी.

वहीं दिव्यांग बच्चों के मामले में सक्षम चिकित्सा प्राधिकारी की तरफ से जारी प्रमाण पत्र के अनुसार 40 प्रतिशत से अधिक अशक्तता और दिव्यांग बच्चा के पूरी तरह से महिला या एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी पर निर्भर होने की स्थिति में ही लाभ मिलेगा.

हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 संशोधित

इसके साथ ही हरियाणा सरकार ने हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) नियम, 2022 के नियम -6 (2) में संशोधन किया है, जिसके तहत ''तीन किलोमीटर'' शब्द को ''पांच सौ मीटर'' से प्रतिस्थापित किया गया है, जैसा कि मूल प्रस्ताव में है. इससे लकड़ी आधारित उद्योगों के विकास के लिए अधिक अवसर मिलेंगे.

हरियाणा में वन क्षेत्र के 500 मीटर के बाहर व तीन किलोमीटर के भीतर स्थित मौजूदा लकड़ी आधारित उद्योगों को लाइसेंस या पंजीकरण की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए यह संशोधन किया गया है. इन नियमों को हरियाणा लकड़ी आधारित उद्योग (स्थापना और विनियमन) संशोधन नियम, 2022 कहा जा सकता है.

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