दोहरे हत्याकांड के आरोपी 12 साल बाद गिरफ्तार, पहले पिता को चाकू से गोदा, फिर चश्मदीद बेटे को नहर में फेंका

फतेहाबाद- 12 साल पहले पंचकूला निवासी में फाइनेंसर विनोद मित्तल और उसके चार साल के बेटे यशन की हत्या करने वाले गांव बड़ोपल निवासी पति-पत्नी आखिरकार एसटीएफ अंबाला के हत्थे चढ़ गए हैं। आरोपितों की पहचान गांव बड़ोपल निवासी राजू व उसकी पत्नी शिल्पा के रूप में हुई है।
गांव बड़ोपल निवासी राजू ने 2004 में शिल्पा से प्रेम विवाह किया था। 2006 में राजू ने पंजाब के जीरकपुर में सैलून खोला और शिल्पा के साथ वहीं जाकर रहने लगे। फाइनेंसर विनोद मित्तल ने राजू को अपनी कार बेची थी और उससे किश्तों में पैसे ले रहा था। पुलिस रिकार्ड के अनुसार 14 फरवरी 2009 की रात करीब सवा आठ बजे विनोद अपनी किश्त लेने राजू के पास जीरकपुर गया था। उसका चार साल का बेटा यशन भी साथ था। दो घंटे बाद भी वे घर नहीं लौटे तो पत्नी सुषमा मित्तल ने विनोद को फोन किया।
एसटीएफ टीम ने दोनों को इंदौर से गिरफ्तार किया है जहां पर दोनों नाम बदलकर तीन-चार साल से रह रहे थे। एसटीएफ अंबाला के इंचार्ज डीएसपी अमन कुमार ने बताया कि दोनों आरोपितों पर 50-50 हजार का इनाम घोषित था। सोमवार को पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश किया। वहां से शिल्पा को एक दिन और राजू को 25 जुलाई तक के लिए रिमांड पर भेज दिया गया। इस मामले में छह आरोपित पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं, जिनमें से तीन उम्रकैद की सजा काट रहे हैं।
दूसरी तरफ से काल अटेंड तो किया गया, लेकिन विनोद की आवाज नहीं आई। इसके बाद सुषमा अपने देवर के साथ राजू के घर गई, लेकिन वहां कोई नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। पुलिस जांच में राजू और शिल्पा के अलावा छह अन्य लोग मोबिन खान, सोनू सैन, अशोक कुमार, संजय कुमार, किशन लाल और नीरू भी मामले में शामिल मिले। राजू और शिल्पा तो पुलिस की गिरफ्त में नहीं आए, लेकिन बाकी छह लोगों ने गुनाह कुबूल कर लिया। उन्होंने बताया कि विनोद की चाकू से गोदकर हत्या कर दी थी और चार साल के यशन को राजपुरा नहर में फेंक दिया था। पुलिस ने दोनों के शव राजपुरा नहर से बरामद किए थे।