तिहाड़ जेल में बंद सबसे उम्रदराज क़ैदी बने ओमप्रकाश चौटाला।हालांकि 4 साल की बजाय 32 महीने ही जेल में काटने होंगे।

हरियाणा- कहा जाता है कि आदमी अर्श से फ़र्श पर कब आ जाता है उसे पता भी नही चलता। हरियाणा के पांच बार मुख्यमंत्री रहे चुके व देश के पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के पुत्र ओमप्रकाश चौटाला को हाल ही में सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति मामले में 4 साल की सज़ा और 50 लाख़ रुपये जुर्माना भरने की सजा सुनाई है।
तिहाड़ में बंद कैदियों में सबसे उम्रदराज कैदी बने।
87 साल के ओम प्रकाश चौटाला तिहाड़ की अलग-अलग जेलों में बंद 19,584 कैदियों में सबसे उम्रदराज हैं। जेल के रिकॉर्ड के अनुसार, जेल में 80 वर्ष से अधिक उम्र में 7 क़ैदी हैं जिनमें ओमप्रकाश चौटाला भी शामिल हैं। 70 और 80 वर्ष की आयु के बीच 63 अन्य कैदी हैं। शुक्रवार को चौटाला को सजा सुनाए जाने के बाद ओमप्रकाश चौटाला जेल में कैद सबसे उम्रदराज कैदी बन गए हैं।इससे पहले हत्या का 85 वर्षीय दोषी जेल में सबसे ज़्यादा उम्र का कैदी था।
जेल के सीनियर अधिकारियों के अनुसार चौटाला को जेल नंबर 2 लाया गया, जहां उन्हें शुक्रवार शाम करीब 5 बजे दो अन्य कैदियों के साथ एक सेल में रखा गया।
सीबीआई वकील ने की अधिकतम सजा की अपील।
इससे पहले वीरवार को ओमप्रकाश चौटाला की सज़ा पर बहस हुई। इस दौरान सीबीआई के वक़ील ने चौटाला की बीमारी और विकलांगता की दलीलों का विरोध करते हुए उनके स्वास्थ्य का इलाज़ करवाने की बात कही लेकिन कोर्ट से सिफारिश की कि उन्हें अधिकतम सजा मिले।
इससे पहले गुरुवार को ओम प्रकाश चौटाला की सजा पर सीबीआई ने कहा था कि आम लोगों में उचित संदेश देने के लिए अधिकतम सजा जरूरी है। सीबीआई के वकील ने कहा था, "भ्रष्टाचार समाज के लिए कैंसर के समान है, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट को ऐसी सजा देनी चाहिए जिससे समाज में मिसाल दिया जा सके।"
चौटाला को 5 लाख रुपए सीबीआई को देने होंगे।
सीबीआई की विशेष अदालत ने ओमप्रकाश चौटाला को 5 लाख रुपये सीबीआई को देने का भी आदेश दिया है। 5 लाख़ रुपये नही देने पर सजा छह महीने और बढ़ सकती है। अदालत ने चौटाला को कोर्ट रूम से ही हिरासत में आने को कहा जिस पर चौटाला के वकील ने 10 दिन का समय मांगा तो कोर्ट ने उन्हें हाइकोर्ट जाने को कहा।
हालांकि ओमप्रकाश चौटाला को 32 महीने ही काटने होंगे जेल में।
अदालत ने उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 428 के तहत लाभ दिया है और चार साल की सजा से लगभग 487 दिनों की अवधि को अलग कर दिया है। इस विशेष मामले में चौटाला को (लगभग 16 महीने) हिरासत में रखा गया था। ऐसे में 4 साल की बजाय 32 महीने ही जेल में काटने होंगे।
क्या है मामला?
आय से अधिक संपत्ति रखने के मामले में 26 मार्च 2010 को सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि 24 मई 1993 से 31 मई 2006 तक अपने पद पह रहते हुए ओमप्रकाश चौटाला ने आय से ज्यादा संपत्ति कमाई। सीबीआई के मुताबिक, उनके पास 6.09 करोड़ रुपये की संपत्ति ऐसी थी जिसका वो सोर्स नही बता सके। चौटाला के पास आय से 189.11 फ़ीसदी संपत्ति ज्यादा थी. चौटाला के खिलाफ पीएमएलए(प्रिवेन्शन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत ईडी यानी प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की थी. ED ने बताया था कि पद पर रहते हुए चौटाला ने आय से ज्यादा कमाई की और उसका इस्तेमाल संपत्तियां खरीदने में किया।
कौन है ओमप्रकाश चौटाला?
पूर्व उपप्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के घर 1 जनवरी 1935 को सिरसा जिले के चौटाला गांव में ओमप्रकाश चौटाला का जन्म हुआ। ओमप्रकाश चौटाला 7 बार विधायक व पांच बार हरियाणा के मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं। ओमप्रकाश चौटाला 2 दिसबंर 1989 को उनके पिता चौधरी देवीलाल के मुख्यमंत्री पद छोड़ उपप्रधानमंत्री बनने पर पहली बार मुख्यमंत्री बने थे। वे 22 मई 1990 तक इस पद पर रहे। 12 जुलाई 1990 को चौटाला ने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद को शपथ ली थी, जब तत्कालीन मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता को दो माह में ही पद से हटा दिया गया था। हालांकि चौटाला को भी पांच दिन बाद ही पद से त्यागपत्र देना पड़ा था। 22 अप्रैल 1991 को तीसरी बार चौटाला ने सीएम पद संभाला। लेकिन दो हफ्ते बाद ही केंद्र सरकार ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।
1993 में उन्होंने नरवाना उपचुनाव जीता। 1996 के लोकसभा चुनाव के बाद उन्होंने हरियाणा लोक दल (राष्ट्रीय) के नाम से नई पार्टी बनाई। 1998 में लोकसभा के मध्यावधि चुनाव में बसपा से गठबंधन कर हरियाणा में पांच लोकसभा सीटें जीती। इसके बाद उनके दल को मान्यता मिली। इसके बाद उनकी पार्टी का नाम बदलकर इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) कर दिया गया। 24 जुलाई 1999 में चौटाला ने चौथी बार सीएम पद संभाला। दिसंबर 1999 में उन्होंने विधानसभा भंग करवा दी और विधानसभा चुनाव के बाद दो मार्च 2000 को चौटाला पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने। उसके बाद चौटाला पूरे पांच साल मुख्यमंत्री रहे।