हरियाणा में अब फ्री में नहीं बजेगा शादियों में गाना, देखिए किसे देने होंगे पैसे

साउंड रिकॉर्डिंग का प्रयोग करने के लिए म्यूजिक कंपनी से लाइसेंस लेना अनिवार्य
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अब फ्री में नहीं बजेगा शादियों में गाना
घर में शादी समारोह हो और गाना बजाना ना ऐसा तो हो ही नहीं सकता। लेकिन अब गाना बजाना के लिए भी पैसे देने होंगे। हरियाणा में अब शादी समारोह में गाना बजाना फ्री में नहीं हो पाएगा। दरअसल साउंड रिकॉर्डिंग का प्रयोग करने के लिए अब म्यूजिक कंपनी से लाइसेंस लेना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो यह कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा।

चंडीगढ़- शादी ब्याह के तमाम खर्चों में अब एक और खर्चा भी शामिल हो गया है। किसी भी समारोह की रौनक के लिए सबसे अहम होता है गाना बजाना, जो अब हरियाणा में फ्री में नहीं होगा। दरअसल साउंड रिकार्डिंग के लिए अब मयूजिक कंपनी से लाइसेंस लेना होगा। होटलों और बड़े-बड़े पैलसों में गाना बजाना अब महंगा पड़ेगा। अगर रिकॉर्डिंग के लिए म्यूजिक कंपनी से लाइसेंस नहीं लिया तो यह कॉपीराइट एक्ट का उल्लंघन माना जाएगा और कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। नोवेक्स कम्युनिकेशन प्राइवेट लिमिटेड की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट के जस्टिस राज मोहन सिंह ने यह आदेश दिए हैं।

मामले में सुनवाई के दौरान हरिंद्र दीप सिंह बैंस ने हाई कोर्ट को बताया कि भारत सरकार के कापीराइट रजिस्ट्रार ने 27 अगस्त 2019 को सार्वजनिक नोटिस जारी किया, जिसमें कहा गया कि धार्मिक समारोह, विवाह, सामाजिक उत्सव में साउंड रिकार्डिंग का प्रयोग कापीराइट के उल्लंघन की श्रेणी में नहीं आता व इसके लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है। जो कंपनी हित के खिलाफ है। बैंस ने बेंच को बताया कि आजकल विवाह बड़े होटल, मैरिज पैलेस में होते हैं और होटल व पैलेस वाले संगीत कार्यक्रम के बदले आयोजन से लाखों रुपये चार्ज करते हैं, लेकिन वह विवाह के नाम पर साउंड रिकार्डिंग का प्रयोग कर कंपनी से लाइसेंस नहीं लेते। जिस कारण कंपनी को भारी वित्तीय नुकसान हो रहा है।

जिसके बाद पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने कापीराइट के 27 अगस्त 2019 के सार्वजनिक नोटिस को रद कर दिया है, जिसमें कहा गया था कि शादी बरात, सामाजिक उत्सवों, धार्मिक समारोह के दौरान किसी भी साउंड रिकार्डिंग का उपयोग कापीराइट का उल्लंघन नहीं है। इसके लिए कोई लाइसेंस लेने की आवश्यकता नहीं है। हाई कोर्ट के आदेश से यह साफ हो गया है कि अब शादी से जुड़े किसी भी समारोह में साउंड रिकार्डिंग के इस्तेमाल के लिए म्युजिक कंपनी से लाइसेंस लेना जरूरी है।

याचिकाकर्ता कंपनी के पास कई म्युजिक कंपनी के राइट हैं। कंपनी के पास जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड, इरोस इंटरनेशनल मीडिया लिमिटेड, टिप्स इंडस्ट्रीज लिमिटेड, रेड रिबन एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, एसपीआइ म्युजिक प्राइवेट लिमिटेड, थर्ड कल्चर एंटरटेनमेंट जैसे प्रसिद्ध कंपनी के साउंड रिकार्डिंग के कापीराइट व सार्वजनिक प्रदर्शन के अधिकार हैं।अधिकार के तहत अगर इन कंपनी के कोई साउंड रिकार्डिंग का सार्वजनिक स्थान या पब, होटल, रेस्तरां के साथ-साथ लाइव इवेंट और पार्टियों आदि सहित लाइव कान्सर्ट कार्यक्रमों में किया जाता है तो कंपनी से लाइसेंस लेना जरूरी है।

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