परिवहन विभाग के ग्रुप-ए कर्मियों की भर्ती के लिए नए सेवा नियम, कैबिनेट ने दी मंजूरी

अतिरिक्त परिवहन आयुक्त से उप परिवहन आयुक्त तक की भर्तियों में होंगे लागू
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  ग्रुप बी, सी वर्ग के पदों के लिए नियम पहले ही बनाए जा चुके हैं। अतिरिक्त परिवहन आयुक्त, संयुक्त परिवहन आयुक्त, जिला परिवहन अधिकारी-सह-सचिव आरटीए, उप-परिवहन आयुक्त, उप-परिवहन आयुक्त  और उप-परिवहन आयुक्त की भर्ती अब इनके तहत ही होगी। 
नियमानुसार अतिरिक्त परिवहन आयुक्त, संयुक्त परिवहन आयुक्त और जिला परिवहन अधिकारी-सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की भर्ती ग्रुप-ए के किसी भी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति के जरिये की जाएगी।

चंडीगढ़ -  हरियाणा सरकार ने परिवहन विभाग के ग्रुप-ए कर्मचारियों की भर्ती के लिए नए सेवा नियम बनाए हैं। यह अतिरिक्त परिवहन आयुक्त से उप परिवहन आयुक्त तक की भर्तियों में लागू होंगे। परिवहन विभाग की जरूरतों को पूरा करने और दक्षता में सुधार लाने के लिए यह कदम उठाया गया है। गुरुवार को चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में नए सेवा नियमों को मंजूरी दे दी है।

 

 

जिला परिवहन अधिकारी-सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की भर्ती

नियमानुसार अतिरिक्त परिवहन आयुक्त, संयुक्त परिवहन आयुक्त और जिला परिवहन अधिकारी-सह सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण की भर्ती ग्रुप-ए के किसी भी अधिकारी की प्रतिनियुक्ति के जरिये की जाएगी। ये अधिकारी पहले से ही हरियाणा या केंद्र सरकार की सेवा में होने चाहिए। उप-परिवहन आयुक्त, उप-परिवहन आयुक्त की भर्ती सहायक जिला परिवहन अधिकारी-सह सहायक सचिव क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण, हरियाणा, किसी अन्य राज्य या केंद्र सरकार में पहले से ही समान पद पर कार्यरत अधिकारी की प्रतिनियुक्ति के माध्यम से होगी। उप-परिवहन आयुक्त  की भर्ती, ऐसे अधिकारी की प्रतिनियुक्ति के जरिये की जाएगी जो पहले से हरियाणा या किसी अन्य राज्य, केंद्र सरकार की सेवा में समान पद पर कार्यरत होगा।

 

 ग्रुप बी, सी वर्ग के पदों के लिए नियम पहले ही बनाए जा चुके हैं। अतिरिक्त परिवहन आयुक्त, संयुक्त परिवहन आयुक्त, जिला परिवहन अधिकारी-सह-सचिव आरटीए, उप-परिवहन आयुक्त, उप-परिवहन आयुक्त  और उप-परिवहन आयुक्त की भर्ती अब इनके तहत ही होगी। 

हरियाणा मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली

हरियाणा मंत्रिमंडल ने सरकारी कर्मचारी आचरण नियमावली, 2016 के नियम-24 में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। चल संपत्ति की परिभाषा में से बीमा नीतियां शब्द हटा दिया गया है। चल संपत्ति के स्पष्टीकरण में उल्लखित सभी वस्तुओं को एक कर्मचारी खुले बाजार में स्थानांतरित या बेच सकता है लेकिन बीमा नीतियां किसी अन्य व्यक्ति या पार्टी को बेची, हस्तांतरण नहीं की जा सकती हैं। इसलिए बीमा नीतियां शब्द को हटाने का निर्णय लिया गया है।

मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड ने डिबेंचर, ऋण की फ्लोटेशन के लिए एक हजार करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी के नवीनीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैंक ने नाबार्ड से सरकार की एक हजार करोड़ रुपये की गारंटी को सात साल यानी पहली मार्च 2022 से 31 मार्च 2029 तक के लिए नवीनीकरण करने का प्रस्ताव पेश किया था। क्योंकि, वर्तमान गारंटी 31 मार्च 2022 को समाप्त हो चुकी है। बैंक प्रदेश में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के विकास के लिए किसानों को दीर्घकालीन ऋण निवेश उपलब्ध कराने में लगा हुआ है। क्रेडिट सीमा, ऋणों के लिए उन्हें नाबार्ड के डिबेंचर, कर्ज पर निर्भर रहना पड़ता है। नाबार्ड सरकारी गारंटी पर यह सुविधा प्रदान करता है।

   मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा राज्य सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक लिमिटेड ने डिबेंचर, ऋण की फ्लोटेशन के लिए एक हजार करोड़ रुपये की ब्लॉक गारंटी के नवीनीकरण प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बैंक ने नाबार्ड से सरकार की एक हजार करोड़ रुपये की गारंटी को सात साल यानी पहली मार्च 2022 से 31 मार्च 2029 तक के लिए नवीनीकरण करने का प्रस्ताव पेश किया था। क्योंकि, वर्तमान गारंटी 31 मार्च 2022 को समाप्त हो चुकी है। बैंक प्रदेश में कृषि एवं संबद्ध गतिविधियों के विकास के लिए किसानों को दीर्घकालीन ऋण निवेश उपलब्ध कराने में लगा हुआ है। क्रेडिट सीमा, ऋणों के लिए उन्हें नाबार्ड के डिबेंचर, कर्ज पर निर्भर रहना पड़ता है। नाबार्ड सरकारी गारंटी पर यह सुविधा प्रदान करता है।

 

मंत्रिमंडल बैठक में हरियाणा राज्य सूचना आयोग के ग्रुप-ए और बी पदों के सेवा नियम बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इन्हें राज्य सूचना आयोग (ग्रुप-ए) सेवा नियम, 2022 और हरियाणा राज्य सूचना आयोग (ग्रुप-बी) सेवा नियम, 2022 कहा जाएगा। ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे। आयोग में भर्ती और सेवा की शर्तों को विनियमित करने के लिए सेवा नियम बनाना आवश्यक है। आयोग के गठन के बाद से ग्रुप ए, बी और सी पदों पर नियुक्त व्यक्तियों के लिए कोई स्वतंत्र सेवा नियम नहीं बनाए गए थे।

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